अयोध्या। राजस्व परिषद की संस्तुति पर हुई जांच में मण्डलायुक्त कार्यालय में नियम विरुद्ध नियुक्ति तथा विनियमतीकरण का मामला प्रकाश में आया है। उक्त मामले को लेकर शिव सेना के प्रदेश उप प्रमुख संतोष दुबे व हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि फर्जी नियुक्ति की वजह से राजस्व की हानि भी हुई है। मामले की गम्भीरता और भी बढ जाती है जब 12 दिसम्बर 2019 को अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के द्वारा एक सप्ताह के भीतर दोषी कर्मचारियों व अधिकारियों के विरुद्ध कारवाई का आदेश दिया जाता है। परन्तु अभी तक मामले में कोई कारवाई नहीं की गयी है। प्रकरण सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त परिवेश के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। शिव सेना प्रदेश उपप्रमुख व धर्मसेना प्रमुख संतोष दूबे ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात की है। जिसको लेकर उनके समय मांगा जायेगा।
अयोध्या मण्डलायुक्त कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक एसएन सिंह ने सेवा सम्बंधी लाभ प्रदान कयि जाने व फर्जी नियुक्तियों के सन्दर्भ में शासन में शिकायत की थी। उप भूमि व्यवस्था राजस्व आयुक्त राजस्व परिषद जेबी यादव तथा विशेष कार्याधिकारी राजस्व परिषद गुलाबचंद द्वारा 18 जनवरी को आयुक्त एवं राजस्व परिषद को आख्या प्रस्तुत की गयी। आख्या में कहा गया है कि मेवालाल को उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम चपरासी के पद पर कार्यरत थे। प्रकरण उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने के पूर्व मेवालाल को चपरासी के पद पर विनियमित तथा स्थायीकृत किये गये बगैर लिपिक पद पर पदोन्नत किया गया। यह कारवाई अविधिक प्रतीत हो रही है। वहीं कमलेश वर्मा की नियुक्ति 23.11.1993 में अस्थाई रुप से टंकक के पद पर की गयी थी। टंकक में इनकी सेवाओं को विनियमित किये बगैर 18.09.1995 में इनको विनियमित कर दिया गया। इसमें चयन व परिणाम पर उच्च न्यायालय द्वारा 13.04.1993 में प्रतिबन्ध लगाये जाने के बाद भी 01.12.1993 में इनकी नियुक्ति कर दी गयी। इसी प्रकार गया प्रसाद यादव व अम्बिका प्रसाद की नियुक्ति पर भी आख्या में प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। वहीं विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन महेन्द्र सिंह ने मण्डलायुक्त को 17 जुलाई 2019 को पत्र भेजकर मामले में कारवाई की बात कही थी। जिसमें जांच समिति द्वारा विवेचना के निष्कर्षो से शिकायत व आरोपो की पुष्टि होना बताया गया। जिसमें कारवाई करने की बात भी कही गयी है। इसके उपरान्त अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने भी अपने 12 दिसम्बर 2019 को जारी किये गये निर्देश में मण्डलायुक्त को मामले में 7 दिन कारवाई करने के लिए कहा गया। परन्तु अभी तक कोई कारवाई नहीं की गयी। धर्मसेना प्रमुख संतोष दूबे का कहना है कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में की गयी जांच आख्या में मामला प्रकाश में आने के बाद कोई कारवाई न करना अधिकारियों की मंशा को स्पष्टया दर्शाता है। वही हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा। कारवाई न होने पर प्रदर्शन की रणनीति पर भी विचार किया जायेगा।
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