भारतीय चिकित्सा सिद्धांतो को आत्मसात कर निदान देने वाले पहले आयुषमहर्षि थे डॉ हैनिमैन

by Next Khabar Team
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-विश्व होम्योपैथी दिवस पर चिकित्सको ने किया होम्योपैथी के जनक को नमन

अयोध्या। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का विकास करने वाले डॉ सैमुएल हैनिमैन के जन्मदिन होम्योपैथी चिकित्सक विश्व होम्योपैथी दिवस के रूप में मनाते हैं ।इस अवसर पर होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के महासचिव व सेवाभावी होम्योपैथी चिकित्सक डॉ उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रातः काल मरीजों के साथ डॉ हैनिमैन की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया।

इस अवसर पर डॉ उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा डॉ हैनिमैन का जन्म विदेशी धरती पर जर्मनी में आर्थिक रूप से दुर्बल परिवार में हुआ, पिता बर्तनों पर चित्रकारी करते थे, जैसे तैसे प्राथमिक शिक्षा के बाद उच्चशिक्षा के लिए धनाभाव में एक शिक्षक की प्रेरणा से प्रतिभाशाली पुत्र को दूसरे शहर भेजते समय पिता के वचनों- सभी का परीक्षण कर जो सर्वश्रेष्ठ हो उसे ही ग्रहण करना ,को ही हैनिमैन ने जीवन का मंत्र बना लिया और पढ़ाई के साथ आजीविका के लिए ट्यूशन व पुस्तको के अनुवाद का सहारा लिया।

इसी क्रम में चिकित्सा की एक पुस्तक के अनुवाद करते समय उनका परिचय प्रकृति के चिकित्सा सिद्धांत जो मूल रूप से भारतीय आयुर्वेद का ही समं समे शमयति पर आधारित रोगी एवं औषधि के समलक्षणी सिद्धांत पर होम्योपैथी का विकास किया। जिसमें औषधियों के परीक्षण , निर्माण, सिद्धिकरण के जो तरीके उस समय थे आज भी वैसे ही हैं, शक्तिकरण व प्रयोग के तरीकों में डॉ हैनिमैन ने स्वयं ही जो परिष्कार किये वह आज भी उतने ही असरदायी व अधिक प्रासंगिक हैं।

डॉ उपेन्द्रमणि ने कहा तमाम जीवन शैली के व शल्य रोगों में भी जहां प्रचलित पद्धति प्रबंधन कर पाती है वहीं होम्योपैथी शरीर की क्रियाविधि में संतुलन स्थापित कर सम्पूर्ण आरोग्य प्रदान कर सर्जरी से भी बचाती है। डॉ त्रिपाठी ने कहा पद्धतियों के बीच श्रेष्ठता की तुलना उचित नहीं अपितु सामयिक आवश्यकता है कि अधिक अध्ययन व शोध के साथ मानव जीवन के लिए श्रेष्ठ संभावनाओ का समन्वय स्थापित हो।

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इस विचार से सम्बंधित एक ही छत के नीचे सभी पद्धतियों के चिकित्सा विकल्प व इन्टरपैथी रेफरल सिस्टम विकसित करने के सुझाव डॉ त्रिपाठी वर्ष 2014 से ही केंद्र व राज्य सरकारों को देते रहे हैं । डॉ त्रिपाठी ने खुशी जाहिर की कि इस दिशा में अब तंत्र द्वारा सकारात्मक कार्य किये जा रहे हैं। डॉ त्रिपाठी ने आशा व्यक्त की कि उनके सुझाव सभी पंजीकृत चिकित्सको को निजी क्लिनिक स्थापित करने में शासन से प्राथमिकता आधार पर भूमि भवन का सहयोग कर आम जन के लिए मानदेय आधारित ओपीडी समय मे आवश्यक सेवा अनुबंध किया जाना चाहिए।

डॉ त्रिपाठी का मानना है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सकता है व चिकित्सको को भी सेवा रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने में सरकार को यश प्राप्ति हो सकती है। इस अवसर पर डॉ आर वी त्रिपाठी, नगर संघ चालक शिव प्रसाद, सहसंघ चालक शिशिर मिश्र, आर एस त्रिपाठी, एडवोकेट धीरेन्द्र, इंजी सौरभ, आदर्श, हरिओम चतुर्वेदी, हरिप्रसाद , सचिन, आदि उपस्थित रहे।

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