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मरीजों की जेब पर डाका डलवा रहे डॉक्टर

-मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर की दवा लिख रहे डॉक्टर, सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में ओपीडी के चिकित्सकों की मनमानी का दंश रहे क्षेत्रवासी मरीज

मिल्कीपुर।  प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लगातार निर्देशित किया जा रहा है कि बाहर से मरीजों को दवाएं कदापि न लिखी जाएं। किंतु सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज के चिकित्सकों द्वारा मरीजों को खूब धड़ल्ले से बाहर की दवाएं लिखी जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टोर संचालकों की मिलीभगत के चलते मरीज और तीमारदार महंगे दामों पर दवाएं खरीदने को विवश हैं। जिसका परिणाम है कि मरीजों की जेब पर दिनदहाड़े डाका डाला जा रहा है।

बृहस्पतिवार को अस्पताल पहुंचने पर जो नजारा देखने को मिला वह चौंकाने वाला था। हर मरीज के हाथ में सरकारी पर्चे के अलावा एक छोटी पर्ची थी। जिसमें बाहर की दवाएं लिखी गई थी। जबकि उससे मिलते जुलते फार्मूले की दूसरी दवाएं अस्पताल में मौजूद थीं । सुल्तानपुर जिले के उमरा निवासी हरिशंकर सिंह ने बताया कि हमारे पेट में दर्द रहता था, उसी को दिखाने आया था, इसी गांव की पुष्पा सिंह ने बताया कि मुझे कई दिनों से चक्कर आ रहा था, जिसको दिखाने के लिए डॉ अरविंद मौर्य के पास आई थी।

अस्पताल से दवाएं न देने के बजाय महंगी महंगी बाहर की दवाई लिख दी गई। सुल्तानपुर जिले के ही देवरा गांव निवासी घनश्याम यादव आंख दिखाने तथा राघवेंद्र प्रताप कान दिखाने आए थे। अंदर की दवाई न देने के बजाय बाहर की दवाएं लिखी गई। हम लोग उतना पैसा लेकर नहीं आए थे, इसलिए अब वापस जा रहे है। इस अस्पताल का हर डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहा था। क्षेत्र के सोनू सिंह, रितेश श्रीवास्तव, नरेंद्र सिंह सहित कुछ संभ्रांत लोगों ने जब इसका विरोध करते हुए ओपीडी के चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार मौर्य से बात की तब उन्होंने कहा कि हम बाहर की दवाई लिखेंगे, जिसको जो करना है करे।

इस बात को लेकर डॉक्टर एवं मरीज में तीखी नोंक झोंक भी हुई। बता दें कि इस अस्पताल में प्रतिदिन लगभग  500 से ज्यादा नई ओपीडी होने के साथ ही 200 पुरानी ओपीडी भी होती है। इस हिसाब से चिकत्सको की सांठ गांठ से अस्पताल के सामने स्थित मेडिकल स्टोर संचालकों की की बन आई है। इस संबंध में प्रभारी सीएमएस डा संतोष सिंह से पूछा गया व बाहर मेडिकल स्टोर से दवा लिखी पर्चियां दिखाई गई, तो उन्होंने कहा कि बाहर की दवाएं नही लिखी जानी चाहिए। चार पर्चियां रख ली व कहा कि आज सीएमएस छुट्टी पर हैं। उनके वापस आने पर हम लोग मीटिंग करके इन पर्चियों के बारे में पूछकर कार्रवाई करेंगे।

मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि अस्पताल के इन चिकित्सकों द्वारा बाहर की लिखी गई दवाएं, पूरे क्षेत्र में किसी भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध भी नहीं है। मात्र  सौ शैय्या अस्पताल के पास स्थित मेडिकल स्टोरों पर ही मिलती है। हलियापुर निवासी पूर्व प्रधान प्रभात सिंह ने बताया कि डॉ अरविंद मौर्य के भाई का मेडिकल स्टोर अस्पताल के बाहर है। इसलिए वह अस्पताल के सभी डॉक्टरों से सांठ गांठ करके बाहर की दवाई लिखवाते है जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

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