-बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नववर्ष की शुरुआत श्रीरामलला के आशीर्वाद से की
अयोध्या। नव वर्ष का जश्न राम नगरी अयोध्या में श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नववर्ष की शुरुआत श्रीरामलला के आशीर्वाद से की। सरयू तट से श्रीरामलला के दरबार तक पूरा वातावरण जय-जय श्रीराम से गूंजता रहा। कोहरे और ठंड पर आस्था भारी पड़ी। रामलला की मंगला आरती से शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला शयन आरती तक जारी रहा। देर शाम तक दो लाख से अधिक भक्तों ने हाजिरी लगाई।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा, भक्तिभाव और उत्साह का नजारा अयोध्या को आध्यात्मिकता का एक बड़ा केंद्र बना गया। सोने का मुकुट व रत्नजड़ित हरे वस्त्र में रामलला की मनमोहक छवि का दर्शन कर भक्त निहाल होते रहे। अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं व पर्यटकों में रामलला के दर्शन की ललक रही। आलम यह रहा कि रामजन्मभूमि पथ से लेकर हनुमानगढ़ी तिराहे तक श्रद्धालुओं की करीब दो किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। भीड़ का आलम यह रहा कि लाइन में लगे भक्तों को दर्शन की अपनी बारी के लिए एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। नववर्ष की पहली सुबह होते ही रामलला का दरबार श्रद्धालुओं के जयघोष से गूंजना लगा।
सुबह 6ः30 बजे मंदिर खुला, इससे एक घंटे पहले ही दर्शनपथ श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती गई। सुबह 11 बजे तक दर्शनपथ पर भीड़ का दवाब बढ़ता देख भीषण ठंड में भी प्रशासन के पसीने छूट गए। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने आनन-फानन में अंगद टीला से श्रीराम अस्पताल तक के वैकल्पिक मार्ग को खोलवाया और श्रद्धालुओं की निकासी इसी मार्ग से शुरू कराई तब जाकर श्रीरामजन्मभूमि पथ पर भीड़ नियंत्रित की जा सकी। जहां-जहां रेलिंग नहीं लगी थी वहां बैरियर लगाकर भीड़ को रोका गया। श्रद्धालुओं को टुकड़ियों में दर्शन कराया जाता रहा।
अधिक से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकें इसलिए पहले ही कतार की संख्या बढ़ाकर 11 से 15 कर दी गई थी। श्रीराम ज्नमभमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि प्रत्येक श्रद्धालु सुगमता से प्रभु के दर्शन कर सके, इसकी समुचित व्यवस्था की गई थी। भीड़ को नियंत्रण करने सात कतारों में दर्शन की व्यवस्था की गई। सुरक्षाबलों के साथ मंदिर ट्रस्ट के सुरक्षा गार्ड दर्शनार्थियों की सेवाभाव से मदद करते रहे। बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए अलग ट्रैक बनाया गया, व्हीलचेयर की व्यवस्था भी की गई है। बताया कि रामलला के दर्शन करने के लिए दर्शन पास के सभी स्लॉट पहले से ही दो जनवरी तक बुक हो चुके हैं।