-कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन
अयोध्या।पूर्व में लैटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्त हुए व्यक्तियों को पद से हटाने और उन्हें दिए गए वेतन की वसूली की मांग के संदर्भ में कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद आमिर की नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में कहां गया कि 17 अगस्त 2024 को भाजपा सरकार द्वारा जॉइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डेप्युटी डायरेक्टर पोस्ट के लिए 45 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. जिसके बाद जननायक और नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गाँधी जी ने 19 अगस्त को इन नियुक्तियों को पिछड़ों, दलितों और आदिवासीयों को मिले आरक्षण के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी.
उनकी इस मांग के बाद दूसरे दिन यानी 20 अगस्त को आपकी सरकार द्वारा लैटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापन को आरक्षण का प्रावधान न होने का हवाला देते हुए वापस लेने का स्वागत योग्य काम किया गया. लेकिन सवाल यह है कि 2019 से अब तक जिन 63 लोगों की लैटरल एंट्री के ज़रिये नियुक्तियां हुई हैं उन्हें भी क्यों नहीं पद से हटाया गया?
जब यह योजना गैर संवैधानिक पाए जाने के कारण ही रद्द की गयी तो तार्किक तौर पर पूर्व में इस असंवैधानिक योजना से नौकरी पाए लोगों की नियुक्ति भी स्वतः अवैध हो जाती है. इन 63 में से 6 लोग तो सरकार से मोटी तनख़्वाह लेकर फ़िर से निजी सेक्टर में भाग चुके हैं.
ज्ञापन में जिला अध्यक्ष मोहम्मद आमिर ने मांग की कि सरकार अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इन लोगों को पद से हटाएं और उन्हें दिये गए वेतन और अन्य भत्तों की तय समय सीमा में वसूली सुनिश्चित करें.।