सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस से तोड़ा नाता
अयोध्या। कांग्रेस में निष्ठा के साथ विगत 31 वर्षों से जुड़े पीसीसी सदस्य बृजेश सिंह चौहान वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा से इस कदर आहत हुए कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपने समर्थकों के साथ त्यागपत्र दे दिया। शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उपेक्षा का दंश बयां करते समय बृजेश सिंह चौहान रो पड़े और कहा कि 31 वर्ष तक की सेवा का दंश वरिष्ठ नेता उन्हें दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीते दिनों वरिष्ठ नेता आर.के. चौधरी का अयोध्या आगमन हुआ था उनके सम्मान समारोह का आयोजन कांग्रेस ने किया था इस मौके पर वह भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे परन्तु उन्हें माला तक पहनाने नहीं दिया गया। इस बात की शिकायत जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री से उन्होंने किया तो जिलाध्यक्ष को समझाने की बजाय उन्हें ही सबक सिखाने का इशारा कर दिया गया। जिलाध्यक्ष ने फोन पर उनसे कहा कि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है और वह किसी भी बैठक में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी जबसे राष्ट्रीय सचिव और यूपी कांग्रेस की प्रभारी बनी हैं तबसे वामपंथियों की घुसपैठ हो गयी है। वामपंथी समर्थक माने जाने वाले अजय कुमार लल्लू को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया जिनपर नक्सलियों से सम्बन्ध होने का आरोप लगता रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने भी पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किया है इन्हीं बस वजहों से मैने कांग्रेस से नाता तोड़ने का निर्णय कर लिया है। उन्होंने बताया कि अपना त्यागपत्र प्रदेश अध्यक्ष और अनुशासन समिति को भेज दिया है।
पत्रकार वार्ता के दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद रहे। कांग्रेस से नाता तोड़ने वालों में रेखा रानी सिंह, विजय यादव, रंजीत सोनकर, बबिता सोनकर, राकेश मौर्य, ज्ञान प्रकाश शर्मा, अशोक कुमार श्रीवास्तव, उत्तम राय, रामजी साहू, मो. कासिम, राकेश गुप्ता, अजय कुमार सिंह, मो. इशरार, विजय वर्मा, रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव, संदीप कुमार सिंह, गुड्डू सिंह, मालती श्रीवास्तव सहित 41 लोग शामिल हैं। जब उनसे यह पूंछा गया कि कांग्रेस छोड़ने के बाद वह कि राजनीतिक दल में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता समाजवादी पार्टी होगी और दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी का चयन करूंगा।
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