आयुर्वेद कुंभ रचेगा इतिहास, हरिद्वार बनेगी साक्षी

by Next Khabar Team
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-मां गंगा के पावन तट पर होगा आयुर्वेद महाकुंभ, महंत संजयदास ने जारी किया फोल्डर

अयोध्या। आयुर्वेद जगत के तीन सबसे बड़े विश्व कीर्तिमान एवं 2 महामहोत्सव आयुर्वेद कुंभ की अपार सफलता के पश्चात आयुर्वेद कुंभ का तृतीय संस्करण 22, 23 24 दिसंबर को प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार में होने जा रहा है। आयुर्वेद संहिता धाम, आयुर्वेद कुंभ तृतीय को देवभिषजौ श्रीअश्विनौ भगवान को समर्पित किया है। जिसका विषय ’रसचिकित्सा’ और कैंसर है। वैद्यों का सबसे बड़ा महोत्सव वैद्यों का महाकुंभ आयुर्वेद कुंभ में पूरे विश्व से 5000 से अधिक वैद्य आने वाले हैं जिसमें भगवान अश्विनौ का दिव्य यज्ञ अनुष्ठान, रसचिकित्सा एवं कैंसर विषय पर चिकित्सकीय संभाषा, आयुर्वेद संहिता धाम की शोभा यात्रा, आयुर्वेद एक्सपो, वैद्यगांव चिकित्सा शिविर आदि विभिन्न आयोजन सम्पन्न होंगे। जीवन अमृत आयुर्वेद द्वारा विश्व का प्रथम आयुर्वेद संहिता धाम बनाया जा रहा है वैद्यगांव गोंडा में जिसमें आयुर्वेद देवों की प्रतिमा, यज्ञशाला, गौशाला और औषधीय उद्यान होगा।

आयुर्वेद कुंभ वैद्यकीय जगत का सबसे बड़ा महोत्सव है। आयुर्वेद कुंभ वैद्यकीय जगत में एक नई क्रांति के रूप में कार्य किया है। आयुर्वेद कुंभ की सफलता एवं विश्व के लिए शुभ हो ऐसी कामना। इस कार्यक्रम में 50 ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ खास तौर से अपनी विधा से लोगों में दुर्लभ रोगों की चिकित्सा का मार्गदर्शन करेंगे। संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास आज कार्यक्रम का फोल्डर जारी करते हुए पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन काल से ही अयोध्या का वैशिष्टय रहा है। अयोध्या में राम हैं तो राम का ज्ञान कराने वाला गुरू ग्रंथ रामचरित मानस भी है। यह परंपरा है। हमारे गुरू और ग्रंथ की।

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इसी गुरू-शिष्य परंपरा को अक्षुण्ण बनाया है। आयुर्वेद शास्त्र ने क्योंकि प्राचीन काल से ही गुरू शिष्य पंरपरा के माध्यम से ही आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र का ज्ञान अर्जन होता रहा है। इसी आयुर्वेद घ्चिकित्सा शास्त्र को पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख राज्य उत्तरप्रदेश के समस्त जनमानस तक पहुंचाने का बीड़ा प्रदेश के युवा वैद्यों ने उठाया है। जिसका पहला पड़ाव श्रीराम की नगरी अयोध्या रहा,दूसरा पड़वा हरिद्धार रहा और तीसरा भी मां गंगा का पावन तट हरिद्वार ही है। तीन दिवसीय आयुर्वेद कुंभ के दौरान पूरे देश के विख्यात वेद्यों का समागम होने जा रहा है।

आचार्य सुश्रुत जिनके द्वारा रचित सुश्रुत संहिता का नियत समय में एक साथ दो हजार आयुर्वेद वैद्य सुश्रुत संहिता का पाठ करके एक बार फिर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड का कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। 22 दिसंबर से 24 दिसंबर तक होने वाले आयुर्वेद महाकुंभ में वृहद निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन होगा। जिसमें देश के लगभग 50 आयुर्वेद विशेषज्ञ जो कि चिकित्सा के अलग-अलग विधा में पारंगत हैं वो अपनी सेवाएं दिन के प्रथम प्रहर तक देंगें।

उसके पश्चात महर्षि सुश्रुत की भव्य रथयात्रा एवं भगवान धन्वंतरि की का मां गंगा तट पर पूजन व महाआरती का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में देश के 30 युवा वैद्यों को यूथ वैद्य अवार्ड से सम्मानित भी किया जाएगा। इस दौरान संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अध्यक्ष वरिष्ठ पुजारी हेमंतदास, वैद्य अभय नारायण मिश्र, महंत संजयदास के निजी सचिव शिवम श्रीवास्तव सहित अन्य मौजूद रहे।

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