-बीस दिवसीय कला कार्यशाला का समापन, प्रदर्शनी का हुआ उद्घाटन
अयोध्या। राज्य ललित कला अकादमी उ. प्र. ( संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश शासन ) द्वारा ग्रीष्मकालीन चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन और प्रदर्शनी का शुभारंभ सागर कला भवन अयोध्या में हुआ। इस कार्यक्रम में 40 से अधिक कला साधक और विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट एवं गणमान्य अतिथियों का आगमन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश सिंह तथा विशिष्ट अतिथि गया प्रसाद आनंद चित्रकार, स्टेशन अधीक्षक राजीव रंजन, समाजसेवी इंदरप्रीत सिंह बेदी ने फीता काटकर किया। इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। जिसमें सागर कला भवन के निदेशक एस बी सागर प्रजापति के साथ साथ, अयोध्या कला संस्कृति महाकुंभ के निदेशक अम्बरीष चन्द्र पाण्डेय, कला प्रशिक्षक सुश्री आशा गुप्ता, कृपा शंकर गुप्ता, मूर्तिकार प्रवीण कुमार, सचिव प्रतिभा यादव, पवन कुमार , अंजू यादव, शोभ नाथ वर्मा और वंदना शाह आदि मौजूद रहे।
श्री लक्ष्मी चेरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष श्री, शैलेश शर्मा, स्वर्णालता शुक्ला, मनीष देव, अवंतिका सिंह, गीता विश्वकर्मा, चित्रकार गया प्रसाद आनन्द, पंकज पाठक, राम आशीष प्रजापति एवं सोनी मोदनवाल आदि लोगों ने कैनवास पर हस्ताक्षर करके तथा चित्र बनाकर मौजूद छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि कला अपनी अंतर भावना को व्यक्त करने तथा समाज में सकारात्मक विचार फैलाने का सशक्त माध्यम है तथा कला स्वतंत्र अभिव्यक्ति व्यक्त करने का भी साधन है । अम्बरीष चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि दुनिया को ईश्वर ने बनाया लेकिन कला ने इस दुनिया को सुंदर बनाया, यदि कल का उद्भव संसार में नहीं हुआ होता तो यह दुनिया पूरी तरीके से बैरंग होती कलाकार को अपनी कला के माध्यम से सदैव समाज के हित में, न्याय के समर्थन में आवाज उठाना चाहिए । वरिष्ठ चित्रकार गया प्रसाद आनंद ने मनुष्य के रचनात्मक विकास पर जोर दिया तथा रंगों पर आधारित अपनी सुंदर रचना प्रस्तुत की। राजीव रंजन ने बच्चों का कला में कैरियर बनाने पर विशेष जोर दिया तथा मनीष देव ने छात्र जीवन में स्वयं के अंदर कला के विकास पर व्यापक पर चर्चा की।
अयोध्या कला संस्कृति महाकुम्भ एवं स्वदेश संस्थान के अध्यक्ष एवं कार्यशाला संयोजक एस. बी. सागर प्रजापति ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र पट्टिका एवं स्वदेश भारत स्मारिका एवं स्मृति चिन्ह सप्रेम भेंट कर सम्मानित किया तथा सभी अतिथियों, कला प्रशिक्षकों और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा किस सागर कला भवन और स्वदेशी संस्थान कल और संस्कृति के विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध है आगे चलकर संपूर्ण भारत में अनेक प्रकार के चित्रकला, मूर्तिकला, क्राफ्ट संबंधी अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित करेगा एवं वर्ष भर में कई बार पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन होना भी सुनिश्चित हुआ है तथा इन कार्यक्रमों में गरीब बच्चों के लिए निशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। बच्चों ने कला के माध्यम से विविध दृश्यों को कलात्मक रूप से अपने रंगों और ब्रश से कैनवास पर अपने कला रंग का जलवा बिखेरा जिसमें अंजलि मौर्य, स्वाति रावत, अंचल सोनकर, मानसी गौड़, सनाया, कशिश अंदानी, आशी पटेल, खुशी मोदनवाल, सलोनी , गायत्री, मोहिनी गुप्ता , मदन मोहन , हर्षिता गुप्ता, अभय सोनी, रिया गुप्ता, आदर्श गुप्ता, वंश गुप्ता, खुशी वर्मा, सपना आदि प्रमुख रहे ।
सभी प्रतिभागियों को राज्य ललित कला अकादमी संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा छात्र – छात्राओं में कला की अभिरुचि जाग्रत करने एवं कला प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में चित्रकला के साथ ही साथ भित्ति चित्रण, लिप्पन आर्ट, रिलीफ डिजाइन और पेंटिग, मूर्तिकला, मेंहदी डिजाइन, पर्यावरण संरक्षण, मानव जीवन आदि से संबंधित कलाकृतियों का प्रशिक्षण छात्र छात्राओं की अभिरुचि के अनुसार दिया गया।
चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला में इन बीस दिनों तक नवोदित कला साधक वाटर कलर, ऑयल कलर, क्रेयान या ऑयल पेस्टल, स्याही, पेंसिल स्केच, चारकोल आदि माध्यम से मेमोरी ड्राइंग पेन्टिंग, डिजाइन या मेंहदी, स्टिल लाइफ ड्राइंग पेन्टिंग, टाई डाई पेंटिंग, भित्ति चित्रण, मूर्तिकला, ऑउटडोर पेन्टिंग लैण्ड स्केप, नेचर ड्राइंग पेन्टिंग व पोट्रेट आर्ट वर्क, लोक कला पेन्टिंग, रंगोली आदि बनाकर अपने कला रंग का जलवा बिखेर रहे हैं। जिससे भविष्य में युवा कला क्षेत्र में अपना भविष्य / कैरियर चुनने एवं कला व संस्कृति के उत्थान व विकास में योगदान दे सकें।