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समस्या का समाधान ढ़ूढ़ने की हमेशा करनी चाहिए कोशिश

स्मार्ट इनोवेशन इन कम्यूनिकेशन एण्ड कम्प्यूटेशनल साइंस विषय पर हुई अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी संस्थान में आज 27 फरवरी, 2020 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित स्मार्ट इनोवेशन इन कम्यूनिकेशन एण्ड कम्प्यूटेशनल साइंस विषय पर अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सदस्य क्रिस रेलवे बोर्ड के विनीत गोयनका ने कहा कि शोध सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, के सिद्धान्त पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध तकनीक को सदैव सरल एवं सहज रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। रेलवे का उदाहरण देते हुए गोयनका ने बताया कि पहले रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम ऑनलाइन न होने पर यात्रियों को सफर करने में बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता था और रेलवे को आर्थिक रूप से घाटा भी सहना पड़ता था। परन्तु आज ऑनलाइन रिजर्वेशन की तकनीक से यात्रियों को उपलब्ध सीट, ट्रेंन एवं समय सारणी उनके एन्ड्राइड एप की मदद से सूचना मिल जाती है। गोयनका ने शोध छात्रों का आवाहन करते हुए कहा कि हमेंशा समस्या का समाधान ढ़ूढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। आज देश की जनसंख्या 130 करोड़ है। देश में 750 विश्वविद्यालय भी है परन्तु कोई भी मोबाइल टेक्नोलॉजी, टेलीवीजन टेक्नोलॉजी, मेड इन इंण्डिया नहीं है। भारत को लगभग 7 करोड़ टेलीविजन प्रतिवर्ष खरीदा पड़ता है। इसका पैसा देश के बाहर की कम्पनियों के पास जा रहा है। दुखद है कि आज इलेक्ट्रॉनिक्स गजट जैसे टेलीवीजन, मोबाइल के आयात का खर्च पैट्रोलियम खर्च से कही ज्यादा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने शोध छात्रों-छात्राओं को रटने की पद्धति छोड़कर उसके सैद्धान्तिक स्वरूप को समझने की जरूरत है। भारत युवाओं का देश है यहां गुणों की कमी नहीं है। बल्कि उसको प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है तभी सकारात्मक परिणाम तकनीक के क्षेत्र में मिलेगें। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि उपयोगिता ही आवश्यकता को जन्म देती है। अतः प्रत्येक शोधार्थी को अपनी उपयोगिता बढ़ानी चाहिए ताकि कुछ रिटर्न देश को दे सके। विशिष्ट अतिथि के रूप में विज्ञान भारती के पूर्व आचार्य सोमदेव भारद्वाज ने बताया कि भारत में कम्प्यूटर का प्रयोग 1980 में शुरू किया गया उस समय कम्प्यूटर का प्रयोग एवं खर्च दोनो ही महँगा होता था। कम्प्यूटर का पूरा भाग विदेश से आयात होता था। डॉ0 विजय भटगर नें 1988 में सुपर कम्प्यूटर निर्माण हेतु सोचा एवं 1990 में पहला भारतीय सुपर कम्प्यूटर का निर्माण किया और इसका प्रदर्शन स्विटजरलैंण्ड के राजधानी ज्यूरिक में आयोजित कम्प्यूटर सम्मेलन में किया गया। इसका विश्व के सभी वैज्ञानिको ने लोहा माना। सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के कैंसर रिसर्च इंस्टीटयूट ग्वालियर के डॉ0 मुनेश चन्द्र त्रिवेदी नें कम्प्यूटेशनल सांइस का प्रयोग एवं आवश्कता पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। आज के तीनों सत्र में कुल दस शोध पत्र प्रस्तुत किए गए इसमें चार शोध पत्र स्काइप तकनीक के मदद से बुलगारिया एवं बीजिंग के शोध छात्रो ने प्रस्तुत किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता आचार्य राजकुमार तिवारी द्वारा किया गया उन्होंने शोध छात्र एवं छात्राओं से वेस्ट मैंनेजमेंट में कंम्प्यूटर तकनीक के प्रयोग पर शोध करने की आवश्यकता बताया। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता आचार्य राम नयन राय ने किया। उन्होंने शोध छात्रों से कहा कि आज स्मार्ट विलेज का ट्रेंड सभी विश्व में है और कम्यूनिकेशन टूल से पूरे विश्व को स्मार्ट विलेज एवं ग्लोबल विलेज में बदल सकते है। तृतीय सत्र की अध्यक्षता इंजीनियर अमितेश पंडित एवं इंजीनियर दीपक कोरी नें किया। इसी सत्र में इंजीनियर महेश चौरसिया नें विशेष व्याख्यान कम्प्यूटर सिक्योरिटी एण्ड इट्स थ्रेट पर दिया। अतिथियों का स्वागत इंजीनियर रमेश मिश्र, इंजीनियर परिमल तिवारी एवं आशुतोष मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 वृजेश भारद्वाज द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर आस्था सिंह कुशवाहा एवं प्रांजल सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम सचिव इंजीनियर विनीत कुमार सिंह नें बताया कि कल कुल 20 शोध पत्र का प्रस्तुति तीन अलग-अलग तकनीक सत्रो में किया जाएगा। इस अवसर पर संस्थान के डॉ प्रियंका ,डॉ सुधीर, डॉ महिमा चौरसिया, डॉ ब्रजेश भारद्वाज, श्री अभिनव, इं. पारितोषत्रिपाठी, इं. रमेश मिश्र, इं.समरेन्द्र प्रताप सिंह, इं. शोभित श्रीवास्तव, इं. नूपूरकेसरवानी, ज्योति यादव, इं. आस्था कुशवाहा, इं. अवधेश दीक्षित, इं. प्रवीन मिश्रा, इं. अवधेश मौर्या, इं. अनुराग सिंह, इं. मनीषा यादव, इं. निशान्त सिंह,इ. पीयूष राय, दिलीप यादव , सुनील प्रभाकर, सौहार्द ओझा, शिक्षा जैन,आशीष पाण्डेय, निधि प्रसाद, रजनीश पाण्डेय, शाम्भवी शुक्ला, प्रदीप कुमार ,अमित भाटी, प्रेम शंकर , दीपक कोरी, मुरली, अमितेश, दीपकखरे, चन्द्रशेखर वर्मा, चन्दन अरोड़ा, महेश चौरसिया , आशुतोष मिश्रा, एवंअन्य कर्मचारी एवं छात्र छात्राए उपस्थित रहें।

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