6 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजना बनते नहीं मिला
फैजाबाद। जिलाधिकारी डा. अनिल कुमार द्वारा एक साथ 11 ब्लाकों में 133 टीमें भेजकर 267 विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण से बेसिक शिक्षा विभाग व विद्यालयों मे मचा हड़कम्प। निरीक्षण मे 25 अध्यापक अनुपस्थित मिले तो 55 अध्यापक आकस्मिक अवकाश पर थे। 6 विद्यालयें में मध्यान्ह भोजन बनते नही मिला। शीघ्र पुनः 11 ब्लाकों के अवशेष विद्यालयों का निरीक्षण एक साथ कराया जायेगा।
निरीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती अमिता सिंह से कहा कि जो अध्यापक आकस्मिक अवकाश पर है क्या उन्होनें विद्यालय खुले के समय के पहले एसएमएस द्वारा अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी को सूचना प्रेषित की थी और निरीक्षण उनका अवकाश निरीक्षण के पूर्व पत्र व्यवहार रजिस्टर व उपस्थित पंजिका में दर्ज था। यदि नही ंतो, अवकाश पर रहने वाले अध्यापक तथा अवकाश का अंकन करने वाले अध्यापक का स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए और इसके लिए सभी खण्ड शिक्षा अधिकारी के मोबाइल पर भेजे गये एसएमएस का प्रिन्ट निकलवाया जाए।
जिलाधिकारी ने बीएसए से यह भी कहा कि जिन अध्यापकों की डियूटी पुस्तक वितरण तथा खेलकूद आयोजन में लगाया गया है। यदि उनके कार्य पूर्ण हो गये हो तो उन्हें तुरन्त कार्यभार ग्रहण करने हेतु कार्यमुक्त किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर पुनः उनकी डियूटी लगाये। केवल पुस्तक वितरण व खेलकूद के नाम पर अध्यापक इधर-उधर घूमने न जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि 6 विद्यालय में हरिग्टनगंज पूर्व मा0 विद्यालय हल्ले द्वारिकापुर, मलेथूबुर्जग, बीकापुर ब्लाक के नवावां बैदरा न्यूनापूरब, सोहावल के प्राथमिक विद्यालय बिसौली, अमानीगंज के पूर्व मा0 विद्यालय अडबड सरैया तथा रूदौली ब्लाक के पूर्व मा0 विद्यालय बहरास में मध्यान्ह भोजन बनते नही मिला। खण्ड शिक्षा अधिकारी व मध्यान्ह भोजन प्रभारी को संयुक्त रूप से भेजकर पता कराये कि मध्यान्ह भोजन बनने में क्या कठिनाई है उसे दूर करायें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि प्रासूति अवकाश प्राथमिकता पर स्वीकृत किया जाए किसी प्रकार की कोई शिकायत नही आनी चाहिए, प्राथमिकता के अधिकार पर स्वीकृत करें। मातृत्व अवकाश का अंकन सेवा पुस्तिका में हो रहा है अवकाश स्वीकृत फलस्वरूप विद्यालय एकल अथवा बंद के श्रेणी में न आने पाये साथ ही यह देखा जाये कि चिकित्सा अवकाश, प्रासूति अवकाश, मातृव्य अवकाश का अंकन पुस्तिका में हो रहा है या ऊपर-ऊपर ही स्वीकृत हो रहा हैं।