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अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का 17वां संस्करण 2-3 दिसंबर 2023 को

17 वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी में शामिल हैं देश-विदेश की यह नामचीन हस्तियां, फिल्म चयन प्रक्रिया शुरू

अयोध्या। अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का 17वां संस्करण आगामी 2-3 दिसंबर 2023 को गुरू नानक कालेज, उसरू में होने जा रहा है। दर्जनों देशों के सैकड़ों फिल्मकार अपनी फिल्में अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के लिए हर वर्ष भेजते हैं। जिसमें से ज्यूरी सदस्यों द्वारा चयनित चुनिंदा सरोकारी फिल्में समारोह के दौरान प्रदर्शित एवं पुरस्कृत की जाती हैं। इस वर्ष ज्यूरी में देश-विदेश की 6 दिग्गज हस्तियां हैं जो फिल्मों का चयन करेंगी।
उत्तर प्रदेश का सबसे पहला और चर्चित फिल्म समारोह ‘अयोध्या फिल्म फेस्टिवल’ ही है जो पूरे विश्व में खासा लोकप्रिय होता जा रहा है। 17वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में विश्व भर से भेजी गई सैकड़ों फिल्मों में से ज्यूरी 25 नवंबर तक सभी बेहतरीन फिल्मों का चयन कर लेगी और 26 नवंबर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक और दस्तावेजी फिल्म निर्माता डॉ. शाह आलम राना से हमने विस्तार से बात की। डॉ. राना ने बताया कि इस वर्ष की ज्यूरी में शामिल 6 दिग्गज हस्तियों में एक डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर हैं जो कि सरोकारी पत्रकार के रूप में मशहूर वैश्विक पुरस्कार विजेता लेखिका-निर्देशिका हैं। बाल श्रम, आशा और खुशी पर आधारित उनकी फिल्म ‘सारे सपने अपने हैं’ ने 128 से अधिक पुरस्कार जीते और 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित की गई।

ज्यूरी में दूसरा नाम सना नोरोजबेगी हैं जो कि शिराज विश्वविद्यालय, ईरान से वास्तुकला में स्नातक और असद विश्वविद्यालय, ईरान से शहरी डिजाइन में मास्टर की शिक्षा के साथ उल्लेखनीय परियोजनाओं के लिए फिल्म निर्माता, कला निर्देशक, प्रोडक्शन डिजाइनर और कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है, जिसमें पनाह, ए मोर्सल ऑफ लव, पेंटिंग, द ब्रीफकेस और हैलो मुंबई जैसी फिल्में शामिल हैं।

ज्यूरी में तीसरा नाम ऑस्ट्रेलिया के चर्चित अभिनेता, एंकर, पत्रकार चार्ल्स थॉमसन हैं। चार्ल्स ने मराठी भाषा की फिल्म ‘1909’ में भी काम किया, जिसके लिए उन्हें न केवल बेहतरीन समीक्षाएं मिलीं, बल्कि उन्होंने मराठी अखबार ‘सामना’ के फ्रंट कवर पर भी जगह बनाई। मुंबई में रहते हुए उन्होंने कई मराठी टीवी धारावाहिकों, बॉलीवुड टीवी धारावाहिकों और हिंदी भाषा की फिल्मों में काम किया। उन्होंने दूरदर्शन के लिए व्यंजन और संस्कृति पर ग्यारह किस्तों की श्रृंखला ‘वाह क्या स्वाद है’ सीजन 2 की एंकरिंग और सह-निर्माण भी किया। उन्होंने कई क्षेत्रीय भाषाओं में रिलीज के साथ भारत के TED टॉक्स के समकक्ष जोश टॉक्स को विकसित करने में भी मदद की।

ज्यूरी में चौथा नाम राहुल बी सेठ एक बेहतरीन संगीतकार, गीतकार, लेखक, गायक और वाइस अभिनेता हैं। राहुल ने 2500 से अधिक विज्ञापन और कॉर्पोरेट जिंगल और एंथम पर काम किया है। विश्व शांति के लिए उनका वैश्विक गान 30 से अधिक देशों में बजाया गया है, जिसको दलाई लामा ने सराहा और समर्थन किया है। राहुल विभिन्न विदेशी फिल्मों और एनिमेशन, फिल्मों, धारावाहिकों और विज्ञापन फिल्मों के लिए चरित्र आवाजों के लिए कई हिंदी डब भूमिकाएँ निभा चुके हैं। उन्होंने अपनी संगीतमय लघु फिल्म के लिए दादा साहेब फाल्के जूरी प्रशंसा पुरस्कार भी जीता, जिसका प्रीमियर रोमानिया के बुखारेस्ट में हुआ था। वह प्रसिद्ध लेखक विक्रम सेठ के भतीजे भी हैं।

ज्यूरी में पांचवां नाम दिब्य चटर्जी का है जो कि एक लेखक, निर्देशक और एक समग्र फिल्म निर्माता हैं, जिनके पास ऐसी कहानियाँ बताने का शौक है जो प्रकृति में थोड़ी असामान्य हैं और विडंबना और मानवता की दुनिया का पता लगाती हैं। दिब्य चटर्जी कई विज्ञापन, वृत्तचित्र और डिजिटल फिल्मों को लिखने और निर्देशित करने के अलावा वह अमेजन प्राइम वीडियो पर दुनिया भर में प्रसारित होने वाले अत्यधिक प्रशंसित भारतीय डार्क कॉमेडी शो ‘अफसोस’ (2020) के लेखक और सह-निर्माता हैं। उन्हें स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन अवार्ड्स द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्क्रिप्ट (ओरिजिनल कॉमेडी सीरीज) के लिए नामांकित किया गया था और जनवरी 2022 में लॉस एंजिल्स फिल्म अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज का पुरस्कार जीता।

ज्यूरी में आखिरी नाम लेखक और निर्देशक प्रोफेसर मोहन दास हैं जो कि अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी चैयरमैन और डायरेक्टर भी हैं। वे विश्व के कई दर्जन फिल्म समारोहों से जुड़े हैं। भारतीय सिनेमा, कला, संस्कृति और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए वे कई वैश्विक मंचों पर प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए अवसर प्रदान का अथक प्रयास कर रहे हैं। और लगातार अयोध्या फिल्म समारोह को ऐतिहासिक बनाने में जुटे रहते हैं।

 

अयोध्या फिल्म समारोह स्थानीय और विश्व के सिनेमाप्रेमियों के बीच एक सेतु बना है। इस मंच पर तमाम कला प्रेमियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका अवसर मिलता रहा है। शाह आलम राना ने बताया कि यह महोत्सव विभिन्न देशों के फिल्म निर्माताओं को फिल्म प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जहां नई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फीचर-लेंथ फिल्में, उच्च गुणवत्ता वाली लघु फिल्में, वृत्तचित्र, संगीत वीडियो और वेब श्रृंखला की स्क्रीनिंग के साथ-साथ फिल्म निर्माण से जुड़े अतिथियों के साथ चर्चा सत्र का आयोजन भी करता रहा है।

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