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परिषदीय विद्यालयों के पठन-पाठन को लेकर डीएम ने की बैठक

कहा-जो कार्य नहीं करेगा करूगा कठोर कार्यवाही

अयोध्या। ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन के साथ विद्यालय के परिसर में सभी मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करने अध्यापकों व छात्र-छात्राओं के शत-प्रतिशत उपस्थिति में सुधार के लिए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक, उसमें दिए टिप्स। उन्होंने अधिकारियों से कहा जो भी कार्य नहीं करेगा उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई करूंगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक का सम्मान सर्वोपरि है हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए। परंतु ऐसे शिक्षक कभी भी सम्मान के प्राप्त नहीं बन सकते जो अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का समय से सही ढंग से सम्पन्न न कर रहे हों। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बीएसए अमिता सिंह से कहा कि हर खंड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र के कम से कम 2 विद्यालयों का निरीक्षण का निरीक्षण रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर फीड करें। निरीक्षण के दौरान हैंडपम्प, ,बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग क्रियाशील शौचालय, परिसर सुधार, ड्रेस, बाउंड्री वाल, अध्यापक व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें । निरीक्षण हेतु खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय समय से 15 मिनट पहले पहुंचे। उन्होंने कहा कि 25 जून को बीएसए केंद्र पर सभी पुस्तकें तथा 27 जून तक पुस्तके विद्यालय में पहुंचकर जुलाई के प्रथम सप्ताह में शत-प्रतिशत बच्चों में वितरित हो जाएं यदि ऐसा नहीं होगा तो इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। ऐसा काफी वर्षों बाद हो रहा है कि पुस्तके जून माह में प्राप्त हुई है।
जिलाधिकारी ने बीएसए को निर्देश दिया कि विद्यालयों में रेडीमेड ड्रेस बिल्कुल वितरित नहीं होगी बल्कि स्कूल के आस-पास के दर्जी को बुलाकर छात्र-छात्राओं का नाप लेकर ड्रेस सिलवाए जाएं। जिलाधिकारी ने बताया कि हमारे विद्यालय में समाज के सबसे कमजोर तबकों के बच्चे आते हैं अतः उन्हें शिक्षित करने की हमारे ऊपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है।
जिलाधिकारी ने बताया कि विद्यालय खुलने के आधे घंटे के अंदर पूरे जनपद के अध्यापकों की रिपोर्ट मेरे टेबल पर होगी और हम यह देख सकते हैं कि कौन अध्यापक उपस्थित है और कौन अनुपस्थित और इसकी क्रास चेकिंग हम किसी भी अधिकारी को भेजकर करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य के साथ बैठक करके अध्यापक गांव गांव में संपर्क कर बच्चों को विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराएं ग्राम पंचायत शिक्षा समिति के सदस्यों को बुलाएं ग्राम प्रधान से बात करें। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, कल-कारखाने के आसपास के जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उन्हें चिन्हित करें और विद्यालय लायें। उन्होनंे हर विद्यालय में पक्के ईंट के टी-गार्ड सहित 5-5 पीपल, पाकड़ व नीम के पेड़ लगाने के निर्देश दिए। 100 विद्यालयों को चिन्हित करें और आसपास के 200 लोगों को सूची की बनाएं जो विद्यालय को सुव्यवस्थित बनाने में अपना अमूल्य सहयोग दे सकते हैं। बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे

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