योगी सरकार में 68, 500 शिक्षक भर्ती: फजीहत के बाद कार्रवाई

by Next Khabar Team
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  • नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह निलंबित, परिषद के सचिव संजय सिंह भी हटे

  • आईएएस अधिकारी संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन

ब्यूरो। सूबे की योगी सरकार में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के नतीजों में भारी गड़बड़ियां मिलते रहने के बावजूद जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जल्दबाजी में नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरित किया जा चुका है, अब अपनी सरकार की फजीहत को बचाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि जिन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से पास करते नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है क्या उनपर भी सरकार कार्यवाही कर पायेगी? फिलहाल योगी सरकार द्वारा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिंह को हटा दिया गया है। संजय सिंह की जगह अनिल भूषण को सचिव बनाया गया है। अनिल भूषण को परीक्षा नियामक का सचिव बनाया गया है। परिषद के सचिव का चार्ज रूबी सिंह को और अजय कुमार को रजिस्ट्रार बनाया गया है। प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है।
बताते चलें कि 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को घोषित होने के बाद से ही उसमें सम्मिलित अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं।सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम में 41,556 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। परिणाम में गड़बड़ी की जांच के लिए सचिव सुत्ता सिंह ने भी कमेटी गठित की थी। इसमें रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और दो शिक्षक शामिल थे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल कुल 23 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। इन 23 में से 20 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और इन्हें जिलों का आवंटन भी हो गया। मंगलवार को गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कम्प मच गया था। आननफानन में जिन जिलों में इन 20 फेल अभ्यर्थियों को भेजा गया था वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से रोक दिया गया है। जिन जिलों में इन फेल अभ्यर्थियों का आवंटन हुआ था उनमें मैनपुरी, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, चित्रकूट, बुलंदशहर, गोंडा और मेरठ शामिल हैं।
गुरुवार को सुत्ता सिंह ने कहा था कि छात्रों और शासन स्तर से परिणाम जल्दी जारी करने के लिए दबाव बनाए जाने के चलते ज्यादातर गड़बड़ियां हुई हैं। क्रॉसचेक करने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाता तो ऐसी स्थिति सामने नहीं आती। 122 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी को 22 नंबर मिलने पर सुत्ता सिंह ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी कॉपी से अंक शीट पर नंबर चढ़ाने के दौरान हुई है। 23 असफल अभ्यर्थियों को सफल होने का प्रकरण भी कुछ इसी तरह से हुआ है। महिला अभ्यर्थी की कॉपी बदलने का प्रकरण सामने आने के बाद जब एजेंसी ने रिजल्ट की जांच की तो यह मामला सामने आया, जिसके बाद नियुक्ति पत्र जारी करने से रोका गया।  फिलहाल बताया जा रहा है कि शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का परिणाम संशोधित कर इस महीने के अंत तक जारी किया जाएगा। इसके बाद जो अभ्यर्थी सफल होंगे, उनकी अलग से काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा।

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