अयोध्या। हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाने तथा भारत में प्रतिष्ठापित कर राष्ट्रभाषा घोषित कराने को लेकर हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान द्वारा विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर तुलसी स्मारक भवन अयोध्या में संगोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।जिसमें भारी संख्या में तमाम साहित्यकार व रचनाकार सम्मिलित हुए,समारोह की अध्यक्षता मध्य प्रदेश की धरती से आये वरिष्ठ साहित्यकार ‘‘अशोक शिवहरे‘‘ व मुख्य अतिथि उदासीन संगत ऋषि आश्रम के महंत डॉ0 ‘‘स्वामी भरत दास रहे।विशिष्ट अतिथि के रूप में मशहूर कवियत्री ‘‘शैलेश नन्दिनी श्रीवास्तव‘‘,श्रीराम जन्मभूमि जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास व दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहन दास, अम्बेडकर नगर से आये तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु , नैना ज्योति रहीं, कार्यक्रम का संचालन ‘‘हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान‘‘ के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ सम्राट अशोक मौर्य ने किया समारोह में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह वत्स, डॉ एस पी द्विवेदी, डॉ सोनी शर्मा, कर्म राज शर्मा तुकांत, भानु प्रताप भयंकर श्वेता राज सिंह, रानी त्रिपाठी, सुषमा त्रिपाठी, अंजू सिंह, प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, अनिरुद्ध प्रसाद शुक्ल, डॉ0 उपेन्द्रमणि त्रिपाठी, वैद्य आर0पी0 पाण्डेय, डॉ0 रामकरन सिंह कुशवाहा, विन्ध्यवासिनी शरण पाण्डिया, दीपचन्द राही, डॉ0 आनन्द उपाध्याय, पवन पाण्डेय, राम अछैवर मौर्य, राष्ट्र कुंवर मौर्य, डॉ0 शशि मौर्य आदि तमाम साहित्यकार मौजूद रहे।
कवि सम्मेलन का संचालन मुजम्मिल फिदा हुसैन ने किया, मुख्य रूप से ‘‘रामानन्द सागर‘‘,‘‘पूनम सिंह‘‘, ‘‘सलाम जाफरी‘‘,कविराज,मधुकर जी,‘‘देशराज क्रांति‘‘,‘‘सूर्य नारायण सिंह‘‘,‘‘राजेश ‘‘नन्द‘‘,‘‘शलभ जी‘‘, ‘‘अंगद जी‘‘,आदि कवियों ने काव्य रस से लोगों को अभिसिंचित किया। तथा इन संकल्पों के साथ कि हिंदी को राष्ट्रभाषा व विश्व की संपर्क भाषा बनाने तक प्रयत्नशील रहेंगे, कार्यक्रम का समापन हुआ, समारोह में लगभग 32 कवियों व साहित्यकारों को शाल तथा ‘‘डॉ0 शिवबरन मौर्य साहित्य भूषण‘‘व ‘‘साहित्य गौरव‘‘ सम्मानआदि देकर सम्मानित किया गया।
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विश्व हिन्दी दिवस पर हुई गोष्ठी
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