अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुई परिचर्चा
अयोध्या।अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सर्वसमाज की महिलाओं के साथ महिला खत्री सभा ने शाने अवध सभागार में परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित करके साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला खत्री सभा की अध्यक्ष बबिता साहनी व संचालन महामंत्री सुचिता भल्ला ने किया।
मुख्य अतिथि रीता खत्री ने परिचर्चा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक महिलायें शिक्षित नहीं होगी महिलाओं के सामाजिक समता, स्वतंत्रता और न्याय के राजनैतिक अधिकारों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। कार्यक्रम संयोजक श्रीमती नीरा कपूर समाजसेविका ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं उससे नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाये रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किया जाय। इस पर विचार करना आवश्यक है। अखिल भारतीय खत्री महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय महेन्द्रा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सर्वसमाज की महिलाओं को एक मंच पर आने से शोषण व अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिये सबसे बड़ा मंच साबित होगा। राजस्थान महिला मण्डल अध्यक्ष श्रीमती मीरा अग्रवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में बेटियॉं बाजी मार रही हैं। किसी समय इन्हें कमजोर समझा जाता था। किन्तु इन्हें अपनी मेहनत, मेधा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में परम वीरता अर्जित कर ली है। इनकी इस प्रतिभा का सम्मान किया जाना चाहिए। महिला अग्रवाल सभा अध्यक्ष श्रीमती संगीता अग्रवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला दिवस तक ही सार्थक होगा जब विश्व भर के महिलाओं को मानसिक व शारीरिक रूप से सम्पूर्ण आजादी मिलेगी। जहॉं उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा। महिला सिन्धी समाज की अग्रणी महिला व पूर्व सभासद मुस्कान सावलानी ने कहा कि अपने हक व महिलाओं व बेटियों के हक के लिये हम सबको समाज से ऊपर उठकर व लामबन्द होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। समाजसेविका श्रीमती नमिता मेहरोत्रा ने कहा कि महिलाओं का वह समय नहीं है कि वे दबकर रहें। अब महिलायें अपने पैरों पर खड़े होकर संघर्ष के लिये तैयार हैं। क्षत्रिय समाज का नेतृत्व करती हुई के0टी0 पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन करने से महिलाओं में शक्ति प्रदान होती है। परिचर्चा कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में विजेता जायसवाल, गुरूनानक इण्टर कालेज की प्रधानाचार्या गरिमा गौतम, अनीता छपाड़िया, नूतन गर्ग, डा0 रजनी माथुर शुक्ला, सुचिता भल्ला, प्रिया वलेशाह, श्वेता टण्डन, शशि मनूचा, रीतू साहनी, रूबी कपूर, कामिनी टण्डन, कंचन मेहरोत्रा, रजनी सरीन, निशी पुरी, सीमा आनन्द आदि सैकड़ों महिलायें प्रमुख रूप से मौजूद थीं।