शास्त्रीय संगीत व लोककलाओं को संरक्षित करने की मुहिम

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में बनने वाली एशिया की सबसे बड़ी संगीत कला अकादमी का भूमि पूजन रविवार को कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने किया. यह संगीत अकादमी मलिका-ए-गजल, पद्मश्री, पद्म भूषण बेगम अख़्तर के नाम पर बनेगी। भूमि पूजन के बाद कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि इस संगीत अकादमी के बनने से पर्यटन और रोजगार की दिशा में एक बड़ा अवसर उपलब्ध होगा और विश्वविद्यालय के साथ ही अयोध्या को हम वैश्विक पटल पर स्थापित कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि अयोध्या के मंदिरों में गाए जाने वाले भजनों को लयबद्ध और सुरबद्ध किया जा सकेगा।
डॉ राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय कार्य परिषद और बेगम अख्तर संगीत अकादमी बोर्ड के सदस्य ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि इस अकादमी के निर्माण से शास्त्रीय संगीत और लोक कलाओं को संरक्षित करने का कार्य किया जायेगा। श्री सिंह ने बताया कि इस संगीत अकादमी में 15 ऑडिटोरियम बनाए जा रहे हैं जिससे 1 दिन में 15 सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जा सकते हैं. एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा जिसमें संगीत से जुड़ी हुई तमाम महान विभूतियों के साज आवाज़ को भी संरक्षित किया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि इस अकादमी के निर्माण में विश्वविद्यालय पुरातन छात्र भी अपना योगदान करेगी. लगभग 70 करोड़ की लागत से बनने वाली यह संगीत अकादमी एशिया की सबसे बड़ी संगीत अकादमी होगी। इस अवसर पर बेगम अख़्तर संगीत अकादमी बोर्ड के सदस्य प्रोफ़ेसर विनोद श्रीवास्तव, डॉक्टर विनोद कुमार चौधरी, डॉक्टर शैलेंद्र कुमार वर्मा, इंदु भूषण पांडे, लीगल सेल प्रभारी राजेश पांडे, अनामिका पांडे, अखिल पांडेय, इंजिनियर विनीत सिंह, डॉक्टर संजीत पांडे, अनुराग पांडेय, मास्टर खलीक, जेई शिवेन्द्र तिवारी, अतुल सिंह, अशोक सिंह, शैलेश मिश्र सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय कर्मी और संगीत प्रेमी उपस्थित थे।