अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने विभागाध्यक्षों, निदेशकों, समन्वयकों एवं अधिकारियों के साथ जूम क्लाउड होस्टिंग एप से बैठक की। बैठक में कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक उमानाथ से विश्वविद्यालय की अवशेष मुख्य व सेमेस्टर परीक्षा एवं प्रायोगिक परीक्षाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। परीक्षा नियंत्रक ने विभिन्न विषयों की बची परीक्षाओं की अद्यतन जानकारी से कुलपति जी को अवगत कराते हुए बताया कि लगभग 70 प्रतिशत परीक्षाएं तथा 80 प्रतिशत प्रायोगिक परीक्षाएं सम्पन्न हो चुकी है। अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं लॉकडाउन समाप्त हो जाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन कराते हुए कराने पर विचार किया जा रहा है। बैठक में कुलपति ने मूल्यांकन की स्थिति के बारे में परीक्षा नियंत्रक से जानकारी प्राप्त की। इस क्रम परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय मूल्यांकन कराया जाना सम्भव नहीं है। ऑनलाइन मूल्यांकन के विषय में भी विचार किया गया। जिसमें अन्य व्यवहारिक कठिनाइयों के आने के कारण मूल्यांकन सम्भव नही है। इस सन्दर्भ में कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक को परीक्षकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए निर्देशित किया। लॉकडाउन के उपरांत यदि किसी भी प्रकार की छूट मिलती है तो उत्तर पुस्तिकाओं की कोडिंग कराकर, उत्तर पुस्तिकाओं को शिक्षकों के घर तक पहुॅचाने की व्यवस्था सुनिश्चित कर एवं मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकायें शीघ्र वापस मंगाकर परीक्षा परिणाम यथाशीघ्र घोषित किया जा सके।
बैठक में कुलपति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से हुई ऑनलाइन वार्ता का संदर्भ रखते हुए अवगत कराया कि समयाभाव के कारण किसी विषय के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रश्न-पत्रों की परीक्षाएं न कराकर विषयवार परीक्षाओं का आयोजन तीन पालियों में कराया जाये। इस बैठक में प्रश्न-पत्रों का आकार छोटा करने, कई प्रश्न-पत्रों को मिलाकर एक करने, परीक्षा अवधि कम करने आदि विषयों पर भविष्य में आने वाली वैधानिक अड़चनों का भी संज्ञान लिया गया। इस संदर्भ में कुलपति जी ने आख्या देने के लिए विधि संकायाध्यक्ष डॉ0 त्रिभुवन शुक्ला को निर्देशित किया। बैठक में कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि वे स्वयं तथा सभी शिक्षक अपने छात्र-छात्राओं से निरन्तर संवाद करते रहे। ऑनलाइन पठन-पाठन, सेशनल परीक्षा आदि के सम्बन्ध में उनकी कठिनाइयों से अवगत होते हुए निराकरण करते रहे। बैठक में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की अवशेष सेमेस्टर परीक्षाओं की वर्तमान परिस्थिति में आयोजन की प्रविधि, प्रक्रिया एवं उनके मूल्यांकन पर विचार कर रिर्पोट प्रस्तुत करने के लिए प्रति कुलपति प्रो0 एस.एन. शुक्ल, निदेशक, सी.डी.सी, परीक्षा नियंत्रक तथा सभी संकायाध्यक्षों को कुलपति जी द्वारा निर्देशित किया गया। प्रो0 दीक्षित ने उनसे ऑनलाइन बैठक के माध्यम से तीन दिवसों में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करने को कहा ताकि उसे परीक्षा समिति के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जा सके।
बैठक में सेशनल व प्रायोगिक परीक्षाओं के संचालन पर पर भी विचार-विमर्श किया गया और सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया कि सेशनल परीक्षाएं ऑनलाइन मोड से यथा शीघ्र सम्पन्न कराये। इसी क्रम में आगामी सत्र के लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया को केन्द्रीयकृत बनाये जाने पर प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव, समन्वयक, प्रवेश को प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। कुलपति ने प्रवेश के लिए डेटाबेस तैयार करने तथा सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से साफ्टवेयर बनाये जाने के लिए प्रति कुलपति, निदेशक, सी.डी.सी., परीक्षा नियंत्रक, उपकुलसचिव एवं प्रोग्रामर को उत्तरदायित्व सौपते हुए समयबद्ध रूप से कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आदेश प्रदान किया गया।
बैठक में उपकुलसचिव विनय कुमार सिंह, प्रो0 आरएल सिंह, सी0डी0सी0 के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ल, प्रो0 एन0के0 तिवारी, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 अनूप कुमार, प्रो0 राजीव गौड़, डॉ0 आर0के0 सिंह, डॉ0 त्रिभुवन शुक्ल, प्रो0 जसवंत सिंह, प्रो0 रमापति मिश्र, डॉ0 प्रदीप खरे, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 विनय मिश्र, डॉ0 अर्जुन सिंह, इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं0 रमेश मिश्र, प्रोग्रामर रवि मालवीय, गिरीश पंत, सहित अन्य उपस्थित रहे।
कुलपति ने ऑनलाइन मूल्यांकन को लेकर की बैठक
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