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आक्सीजन के अभाव में एसएनसीयू में भर्ती तीन शिशुओं की मौत

जिला महिला अस्पताल में एक भी नहीं मिला आक्सीजन सिलेंडर, यूनीसेफ जांच के बाद हुआ खुलासा

अयोध्या। यूनीसेफ द्वारा जिला महिला अस्पताल में स्थापित एसएनसीयू (चाइल्ड केयर यूनिट) की कुव्यवस्थाओं का यह आलम है कि आक्सीजन के अभाव में यहां भर्ती दो शिशुओं की पांच दिन के भीतर मौत हो चुकी है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब प्रदेश की राजधानी से यूनीसेफ के स्टाफ नर्स ट्रेनर डा. रूद्र दास चाइल्ड केयर यूनिट निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि चाइल्ड केयर यूनिट में भर्ती किसी भी शिशु को आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। क्योंकि वहां एक भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं पाया गया।
आंकड़े बताते हैं कि 1 से 5 नवम्बर तक चाइल्ड केयर वार्ड में 22 शिशु भर्ती कराये गये। 1 नवम्बर को 1 शिशु की मौत हो गयी वहीं 5 नवम्बर को भर्ती 2 शिशुओं ने भी दम तोड़ दिया। शिशुओं की मौतों के बाद चिकित्सक ने भर्ती तीन शिशु को किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ जहां रिफर कर दिया वहीं तीन अन्य शिशुओं को उनके परिवारीजनों ने चाइल्ड केयर यूनिट से निकालकर प्राइवेट चिकित्सायल में भर्ती कराया है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि चाइल्ड केयर यूनिट में जिन तीन शिशुओं की मौत हुई है उसका मुख्य कारण उन्हें आक्सीजन न मिलना है। यूनीसेफ के जांच अधिकारी डा. रूद्र दास ने इसकी शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. ए.के. शुक्ला से किया और प्रकरण को गम्भीरता से लेने के लिए कहा। सीएमएस डा. शुक्ला भी जब चाइल्ड केयर यूनिट पहुंचे तो वहां एक भी आक्सीजन सिलेंडर उन्हें दिखाई नहीं पड़ा इसपर उन्होंने वहां तैनात बीईओ श्वेता जायसवाल को कड़ी फटकार लगाई और कहा यदि आक्सीजन सिलेंडर नहीं था तो उसके लिए मांग क्यों नहीं की गयी। बीईओ श्वेता जायसवाल के हथा पांव फूल गये और उनके पास कोई जबाब नहीं था। यूनीसेफ के जांच अधिकारी ने सीएमएस को निर्देशित किया है कि जब चाइल्ड केयर यूनिट की सारी व्यवस्थाएं यूनीसेफ द्वारा उपलब्ध करायी जाती हैं तो भविष्य में किसी भी तरह की शिकायत न होने पाये।

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सीएमस ने शिशुओं की मौतों पर दी सफाई

तीन नवजात शिशुओं की मौत के बारे में जानकारी करने पर जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके शुक्ल ने पहले तो साफ इनकार किया। परन्तु उनको जब यह जानकारी दी गई कि यूनीसेफ से आए डॉ. रुद्र दास ने नवजात शिशुओं की मौत के बारे में जानकारी दी है, तब उन्होंने बताया कि बच्चे काफी सीरियस थे। उनको लखनऊ के लिए रेफर किया गया था। परिवार वाले लखनऊ नहीं ले गए तो बच्चों की यहीं पर मौत हो गयी। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आक्सीजन की कमी के कारण नवजात बच्चों की मौत हुई है।

सीएमओ ने कहा सीरियस बच्चों को लखनऊ किया गया था रेफर

नवजात शिशुओं की मौत के सम्बन्ध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीबी द्विवेदी से जानकारी की गई तो उन्होंने भी सीएमएस डा. एस.के. शुक्ल के पक्ष को ही सामने रखा। उन्होंने कहा कि सीएमएस से जानकारी करने पर पता चला है कि बच्चे सीरियस थे जिससे उनको लखनऊ के लिए रेफर किया गया था।

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About Rakesh Yadav

Rakesh Yadav is editor in chief in Next Khabar. He started his journey in 2007 as journalist.

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