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राम मंदिर की सुरक्षा से नहीं होगा कोई समझौता : वी.के. सिंह

-राम मंदिर की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुआ मंथन

अयोध्या। राम मंदिर की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में पहुंचे प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा वीके सिंह ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मंदिर की सुरक्षा जल, थल और नभ से होगी, जिसको लेकर सुरक्षा संबंधित नया खाका तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अयोध्या हनुमानगढ़ी भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। उसकी सुरक्षा भी राम जन्मभूमि की तरह की जा रही है, जिस पर शासन की नजर है। राम मंदिर निर्माण कार्यशाला स्थित ट्रस्ट कार्यालय में ढाई घंटे तक चली राम मंदिर की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर मंथन हुआ। इससे पहले राम मंदिर निर्माण स्थल सहित निर्माणाधीन यात्री सुविधा केंद्र व जन्मभूमि पथ और 70 एकड़ भूमि का अधिकारियों ने एक घंटे तक निरीक्षण किया। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा वीके सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर सहित अयोध्या की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई। सभी जानते हैं कि भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। बैठक में राम मंदिर निर्माण की प्रगति के तारतम्य में सुरक्षा व्यवस्था को मुकम्मल करने पर विचार विमर्श किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में अत्याधुनिक तकनीकी के समावेश पर मंत्रणा की गई। उन्होंने कहा अयोध्या के तीन प्रमुख मेले हैं। चैत्र रामनवमी, कार्तिक पूर्णिमा और सावन झूला मेला। इन सभी मेलों के लिए एक निर्धारित सुरक्षा योजना है, जो सफलतापूर्वक मेलों को संपन्न कराती आ रही है। अब अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिसे केंद्र में रखकर मेलों की सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाएगा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या और राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा देश में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधित कार्य है। यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी भारत के संसद और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा है। राम जन्मभूमि मंदिर सरयू नदी के तट पर है। इसलिए जल सुरक्षा, वायु सुरक्षा और धरातल पर सुरक्षा का विचार हो रहा है। यहां निर्णय नहीं होता है यह विचार-विमर्श का प्लेटफार्म है। लोग अपने-अपने सुझाव देते हैं, जिसे लिखा जाता है और इसकी रिपोर्ट तैयार होकर गवर्नमेंट को जाती है। आईबी और सीआरपीएफ अपने हेड ऑफिस को भेजते हैं। निर्णय हेड ऑफिस या गवर्नमेंट के द्वारा होता है।

विचार यही है कि मैन पावर कम और टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्यादा हो। बैठक में एडीजी पीयूष, एडिशनल डायरेक्टर आईबी, सीआरपीएफ आईजी व पीएसी आईजी समेत मंडलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार, आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार, एसएसपी मुनिराज जी, एसपी सुरक्षा राम जन्मभूमि परिसर पंकज कुमार के साथ राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ अनिल मिश्रा भी मौजूद रहे।

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Written by Next Khabar Team

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