-मुख्यमंत्री ने अयोध्या में सरयू महोत्सव कार्यक्रम को किया संबोधित, पौधरोपण अभियान का किया शुभारंभ
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने एक दिवसीय अयोध्या दौरे के दौरान चौधरी चरण सिंह पुष्प वाटिका में पौधरोपण किया। इसके बाद उन्होंने राम कथा पार्क में आयोजित अयोध्या नगर निगम के वर्तमान बोर्ड के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा दशहरा, सरयू महोत्सव और विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दीं, साथ ही अयोध्या के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि कभी अयोध्या आने वाले रामभक्तों पर गोलियां चला करती थीं, श्रद्धालुओं पर लाठी डंडे बरसाकर प्रताड़ित किया जाता था, मगर आज श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा होती है और उन्हें आरओ का शुद्ध पानी पीने को मिलता है। अयोध्या आज पूरी दुनिया के सामने ‘अतिथि देवो भव:’ की नई परिभाषा गढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कि आज अयोध्या की पहचान विश्व पटल पर बदल रही है। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा ने 500 साल के लंबे इंतजार को समाप्त किया। यह भारत के पुनर्वैभव की स्थापना का प्रतीक है। उन्होंने गुरुवार को श्रीरामलला मंदिर में हुए श्रीरामदरबार सहित 7 अन्य मंदिरों में देव विग्रहों की स्थापना के लिए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और सभी सनातन धर्मावलंबियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।
गंगा और सरयू का श्रीराम और उनके पूर्वजों से गहरा संबंध
मुख्यमंत्री ने गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सरयू महोत्सव के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि मां सरयू और भगवान श्रीराम का गहरा संबंध है। अयोध्या की पहचान मां सरयू के बिना अधूरी है। हजारों वर्षों से यह पवित्र नदी हमें दर्शन दे रही है। उन्होंने सरयू महोत्सव के आयोजन के लिए सभी को बधाई दी और कहा कि यह आयोजन अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को और समृद्ध करेगा। उन्होंने मां गंगा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराज भगीरथ की तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं। गंगा न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत और विश्व का अन्न भंडार भरती हैं। यह दुनिया की सबसे उर्वर भूमि है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत का भगीरथ बताया। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नमामी गंगे परियोजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले गंगा का जल प्रदूषित हो गया था। पिछली सरकारों द्वारा विकास के नाम पर अनियोजित और अवैज्ञानिक ढंग से कार्य करने के चलते गंगा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई थीं। लेकिन नमामी गंगे के माध्यम से गंगा की अविरलता और निर्मलता को पुनर्स्थापित किया गया। प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने इसकी निर्मलता का साक्षात्कार किया है।
सभी लगाएं ‘एक पेड़ मां के नाम
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अभियान शुरू किया है। अगर हर व्यक्ति एक पेड़ मां के नाम पर लगाए, तो पर्यावरण संकट कभी नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि सुबह लखनऊ में अपने आवास पर बेल और उसके बाद अयोध्या में सरयू तट पर पुष्प वाटिका में पीपल, पाकड़, नीम और नौग्रहों के पेड़ लगाए गए हैं।
बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाएगी भारतीय जनता पार्टी
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के आगामी अभियानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर जनपद की कम से कम एक नदी को पुनर्जनन का संकल्प लिया गया है। इसके अंतर्गत 1 से 7 जुलाई तक नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। साथ ही हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे भी बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में हिस्सा लें।
साकार हो रहा महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित अयोध्या का दिव्य स्वरूप
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अब अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। मठ-मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। राम की पैड़ी का विस्तार हुआ है, जहां सरयू का जल अब स्वच्छ रहता है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित अयोध्या का दिव्य स्वरूप आज साकार हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अयोध्या में मां जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत, माता शबरी और निषाद राज के नाम पर वाटिकाएं विकसित की जाएं। उन्होंने अयोध्या वासियों से जिला प्रशासन के साथ मिलकर किसी नदी को पुनर्जनन का संकल्प लेने का आह्वान किया।