-जिला पंचायत सदस्य धरने पर बैठ गए तो ब्लड दिलाकर शांत कराया गया मामला
अयोध्या। जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में शुक्रवार की रात जमकर हंगामा हुआ। जिला पंचायत सदस्य ब्लड बैंक के ही सामने धरने पर बैठ गए। घंटों चले हंगामे के बाद अस्पताल के तमाम कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद ब्लड दिलाकर मामले को शांत कराया गया। यह पूरा मामला फेसबुक पर लाइव भी चला।
मामला शुक्रवार रात का है। मिल्कीपुर तृतीय से निर्दल जिला पंचायत सदस्य प्रदीप यादव ने बताया कि थाना खंडासा क्षेत्र के चिरौली के मौजी लाल अपने एक वर्षीय नाती कार्तिकेय को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। प्रदीप ने बताया कि पीलिया से ग्रसित कार्तिकेय को चिकित्सकों ने भर्ती कराने को कहा। बच्चा वार्ड में कार्तिकेय को भर्ती कराया गया। इस दौरान ब्लड की कमी को देखते हुए प्रदीप के साथी लवकुश ने रक्तदान किया।बकौल प्रदीप इसके बाद डिमांड लेने के लिए लवकुश वार्ड में पहुंचा, लेकिन बाद में आने की बात कहकर लौटा दिया गया। इधर, मौजी लाल ने प्रदीप यादव को फोन पर पूरा घटनाक्रम बताया।
प्रदीप ने बताया कि चार बजे से बच्चा भर्ती था। आठ बजे तक उसकी जान के साथ खिलवाड़ किया गया। मैं मौके पर पहुंचा तो ब्लड बैंक में शिकायत की। उनका आरोप है कि वहां पर कर्मचारियों ने तू-तड़ाक शुरू कर दी। बदतमीजी पर उतारू हो गए। उनका कहना है कि वार्ड में नर्स बच्चे के ब्लड का सैंपल ही नहीं दे रही थीं। वह चाहती थीं कि दूसरी शिफ्ट में आई नर्स ही सैंपल निकाले। इसके बाद तो जिपं सदस्य ब्लड बैंक के पास ही धरने पर बैठ गए।
मौके पर पहुंचे फार्मासिस्ट संजय गुप्ता ने उन्हें शांत कराया और ब्लड दिलवाया। प्रदीप ने बताया कि बच्चे को ओ पॉजीटिव ब्लड की आवश्यकता थी। अभी बच्चा स्वस्थ्य है। ब्लड बैंक से जुड़े डॉ. मो. सादिक ने बताया कि उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी ही नहीं है। कर्मचारियों ने ब्लड दे दिया था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विपिन वर्मा ने बताया कि पीड़ित वार्ड से डिमांड ही नहीं ला रहा था।
बिना कागजात के कोई कैसे ब्लड दे सकता है। सीएमएस डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि ब्लड दिया जा चुका था। फिर भी हंगामा किया जा रहा था, जबकि पीड़ित बार-बार कह रहा था। छोड़िए कोई बात नहीं है। मुझे लगता है कोई अलग टेंशन रही होगी।