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वैदिक ज्ञान में भारत से ज्यादा कोई समृद्धशाली देश नहीं : प्रो. अविनाश

-विवि में प्रबंध में धर्म की महत्ता विषय पर व्याख्यान का आयोजन

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 27 वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में दीक्षांत सप्ताह के अन्तर्गत शनिवार को व्यवसाय प्रबन्ध एवं उद्यमिता विभाग में ’प्रबंध में धर्म की महत्ता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, जौनपुर, एमबीए विभाग के प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने जीवन से जुड़े वैदिक श्लोकों पर चर्चा करते हुए बताया कि वैदिक ज्ञान के क्षेत्र में भारत से ज्यादा कोई समृद्धशाली देश नही है।

अन्य देश इसे अपनाकर अपना जीवन स्तर सुधारने में लगे है। उन्होंने बताया कि हमारे ऋषि मुनि द्वारा दिए गए ज्ञान के असीमित भण्डार का पूरी दुनियां लोहा मानने लगी है। कार्यक्रम में प्रो0 अविनाश ने 10 वैदिक श्लोकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्चपदों पर आसीन लोगों में श्लोकों की उपयोगिता जरूरत महसूस होती है। इसे सभी अपनाकर जीवन को सफल कर सकते है। कार्यक्रम में व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभागाध्यक्ष प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह अतिथि का स्वागत करते हुए प्रबंध में धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला।

मौके पर एमबीए के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 आरएन राय, प्रो0 अशोक शुक्ला, प्रो0 शैलेंद्र वर्मा, डॉ0 राना रोहित सिंह, डॉ0 आशीष पटेल, डॉ0 निमिष मिश्रा, डॉ0 दीपा सिंह, डॉ0 रामजीत सिंह, डॉ0 रामजी सिंह, डॉ0 रविन्द्र भारद्वाज, डॉ0 राकेश कुर्मा, डॉ0 संजीत पाण्डेय, डॉ0 अंशुमान पाठक, नवनीत श्रीवास्तव, सूरज सिंह सहित शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रही।

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