प्रौढ, सतत् एवं प्रसार शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 15 दिवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रौढ, सतत् एवं प्रसार शिक्षा विभाग द्वारा सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम अशरफपुर, टोनिया बिहारीपुर, डाभासेमर में संचालित 15 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। समापन के अवसर पर शाहजहांपुर के चिकित्सक डॉ0 के0 एन0 दीक्षित ने ग्रामीणों को क्षिप्र मर्म पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हथेली पर अंगूठे और तर्जनी के बीच के स्थान को एवं दाहिने हाथ को सीधा रखकर कोहनी से मोड़कर गर्दन के बाई तरफ जहां मध्यमा उंगली पहुंचती है उसे दबाने से जाम कंधे के जोड़ खुल जाते हैं। डाॅ0 दीक्षित ने बताया कि कान के पीछे नीचे की ओर दोनों गड्ढों को दोनों हाथ की मध्यमा से दबाकर कान में होने वाली सिटी की आवाज बंद हो जाती है।
चिकित्सक डॉ0 राजीव शुक्ला ने विविध चिकित्सा पद्धति से ग्रामीणजनों को अवगत कराया एवं उनके सहयोग के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की। विभाग के निदेशक प्रो0 अनूप कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित के दिशा-निर्देशन में दिनांक 10 अप्रैल 2019 से चलने वाला सामुदायिक विकास कार्यक्रम बहुत ही संतोषजनक एवं सफल रहा। इन दिनों में कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाली हानियों एवं उसके बचाव, रेशम कीट पालन, मधुमक्खी पालन, मोमबत्ती बनाना, महिलाओं एवं बच्चियों को निष्प्रयोज्य सामग्री से घरेलू उपयोग की वस्तुएं तैयार करना, सिलाई कढ़ाई के अंतर्गत पेटीकोट तैयार करना एवं पूर्वांचल की सुप्रसिद्ध कढ़ाई चिकनकारी सिखाना रहा। प्रो0 कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में पतंजलि योग संस्थान एवं विभाग के संयुक्त संयोजन में योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम, एम.ए. प्रसार शिक्षा एवं ग्रामीण विकास के छात्र-छात्राओं द्वारा स्किल मैपिंग कार्यक्रम भी किया गया। फैशन डिजाइनिंग की छात्राओं द्वारा निष्प्रयोज्य सामग्री से इकोफ्रेंडली वस्तुओं के निर्माण एवं उसका प्रयोग, निशुल्क नाड़ी परीक्षण, दवा वितरण एवं बिना किसी दवा के प्रयोग के मर्म स्थानों के स्पर्श से अनेक रोगों को ठीक करने की विधियों की जानकारी दी गई । डॉ0 सुधीर सिंह ने कहा कि इस तरह के रचनात्मक कार्यक्रम विभाग द्वारा आगे भी संपन्न होते रहेंगे। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्री गयास वर्मा, गुरुकुल विद्यालय की प्रधानाचार्या श्वेता वर्मा तथा निखिल वर्मा आदि उपस्थित थे। समापन समारोह का संचालन सहायक निदेशक डॉ0 सुरेंद्र मिश्र ने एवं सहायक निदेशक डॉ0 सुंदर लाल त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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