फैजाबाद। ज्येष्ठ माह के आखिरी मंगलवार के अवसर पर पौराणिक सिद्धपीठ श्री हनुमानगढ़ी नाका पर भण्डारे का आयोजन किया गया। भण्डारे का उद्घाटन नाका हनुमानगढ़ी के महन्त रामदास महाराज व आत्माराम त्यागी (नेपाली बाबा) ने दीप प्रज्ज्वलित कर व प्रसाद बांटकर संयुक्त रूप से किया। आये हुये अतिथियों का स्वागत भण्डारा संयोजक विनोद मिश्रा एवं पंडित अशोक कुमार भारती ने अंग वस्त्र ओढ़ाकर एवं माल्र्यापण कर किया। भण्डारा संयोजक ने बताया कि लगभग पाँच हजार लोगों को शर्बत एवं मालपुआ का प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान समाजसेवी सुप्रीत कपूर, अधिकारी रामनेवाजदास, पुजारी प्रेम कुमार शुक्ला, पंडित विनय पाण्डेय, पंडित अजय तिवारी, पंडित कृष्णकान्त शुक्ला, पुजारी अभिलाष एवं श्री हनुमत जन जागरण सेवा समिति के सदस्य मौजूद रहे।
सदर बाजार काली माता मंदिर के निकट भंडारे का आयोजन कांग्रेस खेलकूद प्रकोष्ठ अध्यक्ष विजय यादव व अनुसूचित विभाग अध्यक्ष अजय सोनकर उर्फ रजनीकांत द्वारा किया गया। जिसका शुभारंभ अ.भा.कांग्रेस कमेटी सदस्यध्प्रदेश सचिव राजेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया इस अवसर पर आए श्रद्धालुओं को छोला,चावल, बुंदिया एवं शरबत का वितरण किया गया एवं ईश्वर से देश की तरक्की व आपसी भाईचारे हेतु कामना की गई। इस अवसर पर प्रमुख रुप से कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामदास वर्मा,प्रदेश सचिव सुनील पाठक,एआईसीसी सदस्य उग्रसेन मिश्रा,पीसीसी सदस्य बृजेश सिंह चैहान,उ.प्र.कांग्रेस कमेटी सदस्य मोहम्मद शरीफ,वेद सिंह कमल,फरीद सलमानी,प्रवीण श्रीवास्तव,राकेश मौर्या,अशोक श्रीवास्तव,राजकुमार पांडेय,रमेश थापा, संजीत यादव,वीरेंद्र सैनी,द्वारिका पाण्डेय,बहादुर आदि लोग मौजूद रहे।
इसी तरह रेलवे परिसर में उत्तर रेलवे रेलवे मजदूर यूनियन के सहायक मंडल मंत्री मुकुल सक्सेना के सौजन्य से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में हनुमान भक्तों ने हनुमान जी का प्रसाद ग्रहण किया आयोजन के संबंध में श्री सक्सेना ने बताया कि इस भंडारे का आयोजन का एकमात्र उद्देश्य हनुमान भक्तों की सेवा किया जाना है और स्वयं की संतुष्टि के लिए व भंडारे का आयोजन करते हैं श्री सक्सेना ने बताया कि ईश्वर की कृपा रही तो प्रत्येक वर्ष इस तरह का आयोजन जारी रहेगा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अवधेश दुबे संजय सिंह छोटे लाल यादव विक्रांत सिन्हा अतुल रावत शिवानंद यादव टीटीई जुनैद अहमद रेल कर्मियों का विशेष सहयोग रहा।
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