छानबीन में जुटी पुलिस, पीएम रिर्पोट का इंतजार
अयोध्या-फैजाबाद। अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बुद्धिराम का पुरवा में फंदे से लटकता विवाहिता का शव मिलने से अफरा-तफरी मच गयी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। चूंकि विवाहिता का भाई हत्या किये जाने का आरोप लगा रहा था इसलिए पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या का मामला मानते हुए मामले की तप्तीस शुरू कर दिया है।
रानोपाली चैकी प्रभारी निर्मल सिंह कहा कहना है कि सुबह सूचना मिली की बुद्धिराम का पुरवा स्थित देव चन्द यादव की पत्नी का शव छत के हुक से फंदे मे लटक रहा है। सूचना मिलने के बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरवाया और छानबीन शुरू किया। पुलिस को विवाहिता 35 वर्षीय उमा देवी के छोटे पुत्र सौरभ ने बताया कि मेरे पिता राजकरण इण्टर कालेज में शिक्षक हैं मुझे और मेरे बड़े भाई विशाल को शीलम नाम की शिक्षिका कोचिंग पढ़ाने आती थीं शिक्षिका को लेकर ही मेरी मां और पिता में अक्सर झगड़ा होता था जो मारपीट में भी बदल जाता था। उसने बताया कि मंगलवार की रात में भी मां और पिता में झगड़ा हुआ था तथा मेरे पिता ने मेरी मां को पीटा था। रात्रि करीब 10 बजे वह और उसका भाई अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह उसे पता चला कि मां ने फांसी लगा ली है।
दूसरी ओर अयोध्या कोतवाल जगदीश उपाध्याय का कहना है कि हत्या का मामला मानकर पुलिस छानबीन कर रही है। विवाहिता उमादेवी के भाई दिनेश यादव निवासी तिहुरा माझा ने आरोप लगाया है कि देव चन्द यादव ने उसकी बहन के मुंह पर तकिया रखकर पहले मौत के घाट उतारा उसके बाद हुक से लटका दिया। उसका यह भी कहना है कि शिक्षिका शीलम से देव चन्द यादव का अवैध सम्बन्ध था और इसी बात को लेकर उसकी बहन झगड़ा करती थी। देवचन्द यादव फैजाबाद शहर में स्थित राजकरण इण्टर कालेज में शिक्षक पर पर नियुक्त हैं उमा देवी से इनका विवाह 15 साल पहले हुआ था तथा दो पुत्र हुए जिनमें 14 वर्षीय विशाल व 10 वर्षीय सौरभ है। 4-5 साल पहले देव चन्द यादव ने बुद्धिराम का पुरवा में मकान बनवाकर परिवार सहित रहने लगे थे। उन्होंने यह भी बताया कि हत्या का मामला मानते हुए पुलिस छानबीन कर रही है शिक्षक देव चन्द यादव व शिक्षिका शीलम को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की जा रही है मृतका पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिली है पोस्मार्टम रिर्पोट आने का इंतजार है तब यह स्पष्ट हो जायेगा कि उमादेवी की मौत तकिया से मुंह दबाकर दम घुटने के कारण हुई या फांसी के फंदे के कारण उसकी मृत्यु हुई।