Breaking News

किसानों की रिट के क्रम में तहसील प्रशासन ने कराई पैमाइश

-किसानों की मौजूदगी में हुई जमीन की नाप जोख

सोहावल।अयोध्या के पर्यटन से जुड़ी समदा पक्षी विहार योजना की राह में रोड़ा बनी करीब आधा दर्जन किसानों की रिट याचिका को लेकर रविवार को तहसील के राजस्व विभाग की टीम ने एक बार फिर याचिका कर्ताओं की मौजूदगी में पैमाइश पूरी की और रिपोर्ट तैयार करने में प्रशासन जुट गया है।

लगभग 67 हे 0 से ज्यादा में फैली कोला, मोइया कपूरपुर, खिरौनी, गऊ घाट, जैसी कई ग्राम पंचायतों से घिरी समदा झील को शासन से पक्षी विहार के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्राधिकरण की निगरानी में मनरेगा से अब तक 9 करोड़ से ज्यादा की धनराशि योजना पर खर्च की जा चुकी है।

इसके पूर्वी बांध को लेकर मोईया कपूरपुर के निवासी अजय, विनय सिंह, परम प्रकाश, अमरेश बहादुर आदि कुछ किसानों ने यह कहकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि प्राधिकरण और राजस्व विभाग ने मिलकर किसानों की भूमि पर विना मूल्य दिए बांध बना डाला है।

इसे लेकर चल रहे विवाद के तहद ही तहसीलदार विनोद चौधरी, नायब तहसीलदार स्नेहिल वर्मा की मौजूदगी में तहसील के पुराने आधा दर्जन लेखपालों की टीम ने सुबह से लेकर शाम तक कथित रूप से विवादों में घिरी भूमि का स्थलीय चिन्हांकन किया। अब इसकी रिपोर्ट के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय को फैसला करना है कि किसानों का दावा सही है या गलत ? इस विवाद के चलते योजना के विकास को लेकर इको रिसॉर्ट, टेंट सिटी, हॉस्पिटल वॉच टावर पक्की सड़क जैसी योजनाएं अधर में फंसी पड़ी है।

अदालत से फैसला आने के बाद इन योजनाओं को पर लग सकते हैं।
विनोद कुमार चौधरी तहसीलदार सोहावल ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में समदा पक्षी विहार के कुछ विवादित भूमि की पैमाइश कराई गई है। रिपोर्ट के आधार पर शासन और न्यायालय को निर्णय लेना है।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  जीजीआईसी में पंख करियर मेले का हुआ आयोजन

About Next Khabar Team

Check Also

विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

-राष्ट्रीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज पिठला में छात्र-छात्राओं ने 86 प्रोजेक्टों का किया प्रदर्शन मिल्कीपुर। नगर …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.