-छात्र आत्महत्या मामले में कुलपति ने गठित की थी उच्च स्तरीय जांच कमेटी
मिल्कीपुर।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौघ्द्योगिक विश्वविघ्द्यालय में सोमवार को हुए छात्र यशपाल सिंह के आत्महत्या मामले में कुलपति डा बिजेंद्र सिंह ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक विशुद्धानंद को निलंबित कर दिया है। घटना के बाद कुलपति ने सोमवार की ही शाम को ही उच्च स्तरीय 10 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई। मंगलवार को प्रातः नौ बजे कुलसचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने कुलपति के साथ दो घंटे तक बैठक की और अपनी आख्या प्रस्तुत की। प्रथम जांच में ही दोषी पाए जाने के बाद आरोपी शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया।
विवि के मीडिया प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना के संबंध में स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी के छात्र-छात्राओं के आई.डी नंबर के साथ व्यक्तिगत जानकारी समिति दर्ज करेगी। पुख्ता सबूतों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी जिसकी निष्पक्ष जांच के लिए कुलपति ने कुलसचिव डा पी एस प्रमाणिक की अध्यक्षता में कुल 10 लोगों की उच्च स्तरीय समिति गठित की है।
जिसमें निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण डा ए के सिंह, कृषि अधिष्ठाता डा प्रतिभा सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा डी के दिवेदी, वानिकी अधिष्ठाता डा संजय पाठक, सामुदायिक विज्ञान अधिष्ठाता डा साधना सिंह, सुरक्षा अधिकारी आर के सिंह, डा नवाज खान, डा सी एन राम, डा नीरज यादव शामिल किया गया है। कुलपति के आदेश के बाद आरोपी शिक्षक विशुद्धानंद तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने का आदेश विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन एवं परिवीक्षण एक सिंह की ओर से जारी कर दिया गया है। छात्र के मेजर एडवाइजर एवं चेयरमैन डॉ विशुद्धानंद सहायक प्राध्यापक पशुधन फार्म कंपलेक्स विभाग को निलंबन के बाद फसल अनुसंधान मसौधा से संबद्ध कर दिया गया है।
छात्र के गाइड एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज के शोध छात्र की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रकरण में मृतक छात्र यशपाल सिंह के भाई हरिवंश सिंह ने कुमारगंज पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ विशुद्धानंद द्वारा जातीय भावना से ग्रसित होकर उसके अध्यनरत भाई यशपाल सिंह की तीन बार थीसिस रिजेक्ट कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। यहां तक कि बीते 20 दिन पूर्व उनके ताऊ का निधन हो जाने के बाद घर तक जाने की छुट्टी नहीं दी थी।
छात्र के भाई हरबंस सिंह ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को उसके भाई यशपाल सिंह ने कई बार फोन पर उन्हें अवगत भी कराया था। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि उनके भाई के गाइड एसोसिएट प्रोफेसर विशुद्धानंद द्वारा उसके भाई की डिग्री रोके जाने की धमकी दी जाती थी और बीते 12 मई को उसके भाई का डेटा काट दिया गया था जबकि 13 मई उसके भाई का फाइनल सेमिनार भी था।
मृतक शोध छात्र के भाई हरिवंश सिंह की तहरीर पर प्रभारी निरीक्षक रतन सिंह ने एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विशुद्धानंद के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने की धारा 306 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि मामले में पुलिस अभी आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। प्रभारी निरीक्षक रतन सिंह ने बताया कि आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है।