-विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजे जाने की रखी मांग
मिल्कीपुर। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के छात्र की मौत के बाद अब विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का गुस्सा सातवें आसमान जा पहुंचा है। घटना के बाद सोमवार की देर शाम छात्र-छात्राएं कुलपति आवास को जाने वाले के मुख्य गेट पर पहुंच गए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे उधर से छात्राएं महिला छात्रावास से गेट पर पहुंची और धरने पर बैठ गई दूसरी ओर से विश्वविद्यालय के छात्र गेट खोले जाने की जिद पर अड़े रहे।
बावल की जानकारी मिलते ही इनायतनगर, खंडासा व कुमारगंज थाने से भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंची और क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह भी पहुंच गए। नाराज एवं उग्र छात्र छात्रों की मांग है कि छात्र की मौत के जिम्मेदार उसके गाइड एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विशुद्धानंद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेजा जाए तथा विश्वविद्यालय के कुलपति स्वयं छात्र-छात्राओं के पास आकर वार्ता करें।
आंदोलन छात्रों की मांगों की जानकारी के बाद कुलपति की ओर से पांच छात्रों को वार्ता के लिए बुलाया गया। किंतु छात्रों ने कुलपति आवास पर जाने से मना कर दिया और कहा कि कुलपति जब तक मौके पर नहीं आएंगे हम लोग नहीं हटेंगे।
बताते चलें कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर स्थित सरयू छात्रावास के कमरा नंबर 82 में अकेले रह कर एमएससी एग्रोनॉमी की पढ़ाई कर रहे छात्र यशपाल सिंह का शव छत में लगे फैन हुक से गमछे के सहारे लटका मिला। घटना की जानकारी बाद विश्वविद्यालय में सनसनी फैल गई है। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे कुलपति ने पहले तो विश्वविद्यालय की जिम्मेदार अधिकारियों को मौके पर बुलाया और फिर एंबुलेंस बुलाकर कुमारगंज पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर प्रभारी निरीक्षक थाना कुमारगंज रतन सिंह एवं चौकी प्रभारी एनडीए उप निरीक्षक अरविंद पटेल के मौके पर पहुंचने के बाद युवक का शव फंदे से नीचे उतरवाया गया और इलाज के लिए विश्वविद्यालय परिसर स्थित हॉस्पिटल न ले जाकर 100 सैया संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज ले जाया गया।
जहां डॉक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया है पुलिस ने छात्र का शव कब्जे में लेकर पंचायत नामा करने के उपरांत पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बरेली जनपद के अमानपुर भगवतीपुर का निवासी छात्र यशपाल सिंह पुत्र मलखान सिंह विश्वविद्यालय के सरयू हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर स्थित रूम नंबर 82 में अकेले रहकर एमएससी एग्रोनॉमी की पढ़ाई कर रहा था। सोमवार को करीब 2ः30 बजे सीड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के दो दोस्त छात्र उससे मिलने उसके कमरे पर गए जहां कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था दोनों दोस्तों ने कई बार आवाज दी लेकिन अंदर से कोई आहत नहीं मिली तब वह वापस लौट आए और अपने रूम पर खाना खाकर आराम किए पुनः करीब 4ः30 बजे दोनों दोस्त छात्र शिव शंकर एवं संजीत यशपाल के रूम पर गए और कई बार आवाज लगाई किंतु अंदर से कोई आवाज नहीं मिली इसके बाद दोनों दोस्तों ने हॉस्टल के कई छात्रों को मौके पर बुलाया और किसी तरह दरवाजा खुला जहां देखा कि यशपाल कमरे की छत में लगे फैन हुक से गमछे के सहारे लटका हुआ है। इसके बाद दोनों छात्रों ने विश्वविद्यालय के सहायक समीर कुमार सिंह एवं चीफ वार्डन डॉक्टर शिवनाथ को सूचना दी।
जानकारी पाकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आपस में खिचड़ी पकाई तब जाकर क्षेत्रीय पुलिस को सूचना दी। छात्रो का कहना है कि उसके गाइड डॉ विशुद्धानंद ने उसे छात्र की तीन बार मास्टर रिसर्च थिसिस रिजेक्ट कर दिया था और उसे पेपर वर्क को लेकर काफी परेशान रहता था।
छात्र की मौत को लेकर अब विश्वविद्यालय में चर्चाओं का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया है। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के हॉस्टल रूम को सील कर दिया है और घटना की गहन छानबीन में जुट गई है। पुलिस ने छात्र के परिजनों को सूचना दे दी है। वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि यशपाल किसी बात को लेकर परेशान भी रहता था। प्रभारी निरीक्षक कुमारगंज रतन सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही घटना की तस्वीर साफ होगी, फिलहाल मामले की गहनता से जांच की जा रही है।