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समारोहपूर्वक मना डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विवि का 23वां दीक्षान्त समारोह
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कृषि ऋषि सुभाष पालवेकर को दी गयी मानद उपाधि
फैजाबाद। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 23 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को स्वामी विवेकानन्द सभागार में समारोह पूर्वक आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने किया। जबकि समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष एवं एमिटी विश्वविद्यालय मानेसर हरियाणा के कुलपति प्रो0 पी0 बी0 शर्मा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि ऋषि के रूप में ख्यातिलब्ध लेखक पद्मश्री सुभाष पालेकर ने दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई।
दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के राज्यपाल कुलाधिपति राम नाईक ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में मेरा 5वां दीक्षांत समारोह है। मेरे 5 वर्षों के कार्यकाल में 5वां दीक्षान्त समारोह इस बात का प्रतीक है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गाड़ी पटरी पर आ रही है। उन्होंने इंजीनियरिंग दिवस के अवसर पर विश्वसरैया को याद करते हुए कहा कि हमें उनसे प्ररेणा लेने की जरूरत है जिन्होंने भारतीय बांधों के निर्माण में अपनी कार्य कुशलता का लोहा मनवाया है। प्रदेश में शैक्षिक सत्र सही ढंग से संचालित हो रहा है। श्री नाईक ने दीक्षांत समारोह में शामिल होने को अपना गौरव बताते हुए कहा कि आज आप को इस बात की खुशी होगी की शिक्षा के क्षेत्र में छात्राएं छात्रों से आगे निकल रही है। जिससे महिला सशक्तिकरण का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है आने वाले समय में महिलायें नहीं पुरूष बोलेंगे कि हमें आरक्षण चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व0 श्री अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए कहा कि अटल जी ने शिक्षा क्षेत्र में सर्व शिक्षा अभियान का शुभारम्भ किया था जिसके कारण सभी को शिक्षा मिलना शुरू हुई। सर्व शिक्षा अभियान ने शिक्षा के क्षेत्र में जागृति प्रदान किया है। वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल जी के उस सपने को गति प्रदान कर साकार रूप देने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया। जिसका प्रतिफल यह हुआ कि आज पूरे प्रदेश में जहां लड़कों ने 40ः स्वर्ण पदक प्राप्त किया वहीं लड़कियों ने 60ः स्वर्ण पदकों पर अपना कब्जा बनाया। वहीं डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में तो 69ः प्रतिशत लड़कियों ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाने का कार्य किया है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि शपथ लेना आसान होता है निभाना कठिन होता है। जो भी शपथ आप प्रमाणिकता से लेते है उसे निभा सकते हैं। वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का है आपको कड़ी मेहनत करना होगा। असफलता मिलने पर आत्म निरीक्षण कर उसके उपरान्त पुनः प्रयास करें निश्चित रूप से सफलता आपके कदम चूमेगी।
उन्होंने कहा कि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा नित नई योजनायें युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए लायी जा रही है। जिससे आपको जुड़ना होगा। प्रदेश में इन्वेस्टर समिट की बैठक के बाद प्रदेश के औद्योगिक विकास की सतत प्रक्रिया का प्रारम्भ हो चुका है। गत दिनों हुई इन्वेस्टर समिट की बैठक में 1045 इन्वेस्टेटरों ने अपना प्रस्ताव दिया था जिनका कुल निवेश 4.28 लाख करोड़ है। सबको नौकरी मिलना संभव नहीं है इसलिए आप आत्मनिर्भरता के लिए कौशल विकास से जुड़कर स्वरोजगार करें। उन्होंने कहा कि कृषि ऋषि सुभाष पालवेकर को डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय मानद उपाधि देकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 पी0 बी0 शर्मा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने 42 वर्षों की अपनी शानदार यात्रा में अनेक प्रतिष्ठित प्राक्तन विद्यार्थियों व राजनेताओं का निर्माण किया है। उन्होंने राष्ट्रीय विकास के सन्दर्भ में अपने असाधारण योगदान से भारत माता को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि समाज की पीड़ा व समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता शिक्षा का अनिवार्य अंग है। शिक्षा का उद्देश्य प्रबुद्व व उत्प्रेरित मनस्वियों की ऐसी वाहिनी तैयार करना है जो समाज व राष्ट्र की सेवा में स्वयं को अभिमान के साथ समर्पित कर दें। उन्होंने वैदिक व आधुनिक तकनीक का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए कहा कि पूर्व काल में हमारे मुनियों ने अपने शिष्यों को शास्त्र व शस्त्रों जैसे ब्रम्हास्त्र आदि की शिक्षा मानसिक तरंगों के माध्यम से देते थे। जबकि आधुनिक काल में मनुष्य उतना सक्षम नहीं है। जिसके कारण वह अपने विचारों का आदान-प्रदान यांत्रिक तकनीक ब्लूटूथ के माध्यम से कर रहा है। उन्होंने यह भी किहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षण व प्रशिक्षण प्राप्त कर आप भूमंण्डलीयकृत विश्व की उन चुनौतियोें का सामना करने के लिए तत्पर है जो आशा व नैराश्य दोनों से ही मिलकर बनने वाले एक नये युग का परिचायक है। समारोह के विशिष्ट अतिथि सुभाष पालेकर ने कहा कि आज डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गयी है यह मानद उपाधि हमारे लिए हजारों नोबेल पुरस्कारों से बढ़कर है। अपने सम्बोधन में उन्होनें कहा कि पूरी दुनिया महामंदी के दौर से गुजर रही है उन्होंने कृषि को रोजगार के रूप में लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज देश के नौजवान विदेशों में नौकरी के लिए परेशान है जबकि विदेश में नौकरी कर रहे लोग नौकरियों छोड़कर खेती की तरफ आ रहे है। उन्होंने जैविक खेती की तरफ आ रहे है। उन्होंने जैविक खेती के क्षेत्र में व्यापक रोजगार की संभावनाओं पर बल देते हुए छात्रों का आहवान किया कि वह कृषि क्षेत्र में आगे आकर आत्मनिर्भर बने।
शोभा यात्रा के पूर्व कुलाधिपति व अतिथियों ने कुलपति कार्यालय के समीप पौध रोपण कर विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित के हरित क्रान्ति के अभियान को बल प्रदान किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कौटील्य प्रशासनिक भवन से कार्यक्रम स्थल विवेकानन्द सभागार तक शोभा यात्रा से हुआ। तद्दोपरान्त विश्वविद्यालय की छात्राओं ने वन्देमातरम, कुलगीत के पश्चात मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। दीक्षांत समारोह का प्रारम्भ प्रो0 मनोज दीक्षित स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि प्रो0 पी0 बी0 शर्मा, विशिष्ट अतिथि पद्म श्री सुभाष पालेकर कुलाधिपति राम नाईक, विश्वविद्यालय के कार्य परिषद, विद्या परिषद एवं विश्वविद्यालय सभा के सम्मानित सदस्यगणों आमन्त्रित अतिथिगणों, जनप्रतिनिधियों, स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ताओं, अभिभावकों का स्वागत अभिनन्दन कर किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी गतिविधियों, उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात विद्यार्थियों को दीक्षोपदेश ग्रहण कराया। कार्यक्रम के अंत में प्रभारी कुलसचिव प्रो0 एस0 एन0 शुक्ला ने सभी आये हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। समारोह का संचालन प्रो0 अशोक शुक्ला ने किया।