पांच वर्षीय शालिनी 17 अक्टूबर को हुई थी लापता
(अशोक वर्मा)
बीकापुर। कोतवाली बीकापुर क्षेत्र के धरेठा दशरथपुर मजरे करौंदी बनराजा बस्ती गॉव में 17 अक्टूबर की दोपहर राहस्यमय ढंग से गायब हुई 5 वर्षीय मासूम बच्ची का रविवार की सुबह गन्ने के खेत से कंकाल मिलने से पूरे गॉव में हाहाकार मच गया। मौके से कटे हुए सिर (खोपड़ी) का कंकाल जहां-तहां टूटी बिखरी हड्डियॉ मासूम शालिनी का शरीर पर पहने कपड़े के अलावां सिर के बाल और घर से निकलते समय बालिका शलिनी जो छोटा हसिया साथ लेकर निकली थी वह भी घटना स्थल से बरामद हो गया है। गन्ने के खेत के बीच जब गन्ना काटते समय लोगो ने कपडे सहित मानव कंकाल को देखा तो गन्ना काटने/छीलने गये लोग हैरत में पड गये और लोगो की चींखे निकल आयी। थोडी ही देर में इस अनहोनी घटना की सूचना पूरे क्षेत्र में जंगल में लगी आग की तरह फैल गयी बडी संख्या में वहां लोग देखने के लिए जमा हो गये। बीकापुर पुलिस को फोन से सूचना दी गई। सूचना पाकर इंस्पेक्टर रामचन्दर सरोज और क्षेत्राधिकारी अरविन्द चैरसिया पुलसि टीम के साथ घटना स्थल पहुच गये। इसी बीच कंकाल मिलने की खबर सुनकर ढेड माह पहले गायब हुई शालिनी की मॉ व परिवारीजन भी मौके पर पहुचकर बरामद कपडा व हसिया को देखकर पुलिस के सामने गायब शालिनी हाने की पहचान कर दी। मृतका शालिनी के कंकाल की पहचान हो जाने पर क्षेत्राधिकारी श्रीचैरसिया ने पुलिस उच्चाधिकारियों को भी सूचना दे दी। सूचना मिलते ही एसपी देहात संजय कुमार जिले से डाग स्क्वायड फैरेन्सिक जॉच टीम के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अगल बगल के इनायतनगर पूराकलन्दर व तारून थानों की पुलिस टीम मंगवाकर घटना स्थल पर जा पहुचे। करीब एक घण्टे से अधिक समय तक घटना स्थल पर रूककर पुलिस अधिकारियों ने डाग स्क्वायड व फैरेन्सिक जॉच टीम के सहयोग से बरामद मानव कंकाल कपडा व हसिया को कलेक्ट कर विभिन्न पहलुओ पर जॉच पडताल करने के बाद बरामद कंकाल को पंचायतनामा करके कब्जे में लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ को वैज्ञानिक व जॉच परीक्षण के लिए भेज दिया तथा इस सम्बन्ध में घटना कें समय ढेड माह पूर्व मासूम बच्ची शालिनी की मॉ श्रीमती उर्मिला की तहरीर पर अज्ञात के विरूद्व दर्ज किये गये अपहरण की धारा 363 आईपीसी को भी तरमीम कर 302 आईपीसी के तहत दर्ज कर दिया। इंस्पेक्टर रामचन्द्र सरोज ने बताया कि अपहरण में दर्ज मामले को 302 आईपीसी के मामले में तरमीम कर बरामद कंकाल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा जा रहा है। हत्या की वजह के बावत पूछे गये एक सवाल के जवाब में इंस्पेक्टर श्रीसरोज ने यह भी बताया कि नरबली और हैवानियत को मुख्य आधार मानकर सभी पहलुओ पर गहराई से जॉच पडताल शुरू कर दी गई है। मालूम रहे कि 17 अक्टूबर की दोपहर बाद करीब 01ः30 बजे करौदीं वनराजा बस्ती निवासी फेकूराम वनराजा की पुत्री शालिनी रहस्यमय तरीके से गायब हो गयी थी। उस समय दुर्गापूजा दशहरा की धूम के साथ साथ धान की शुरूआती कटाई भी शुरू हो गयी थी। उस समय मासूम शालिनी का मॉ का कहना था कि वह हसिया लेकर धान काटने निकली थी, जबकि गॉव के लोग कह रहे थे कि बच्चो के साथ खेलने निकली थी। अपहरण के समय भी दुर्गापूजा/नवरात्रि का समय होने की वजह से रहस्यमय ढंग से गायब हुई मासूम की वजह नरबली देने की फुसफुसाहट सुनी गई थी। जिसकी मुख्य वजह 15 पूर्व उसी गॉव में एक कथित घटना को जोडकर यह चर्चा छिडी थी। फिलहाल कोतवाली पुलिस हैवानियत और नरबली दोनों बिन्दुओ को मुख्य आधार बनाकर अपनी जॉच सुरू कर दी है।