प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप रामनगरी को आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है, इसी क्रम में रामनगरी की सीमा पर छह भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण प्रस्तावित है। इनकी डिजाइन तैयार कराई जा रही है
-शासन ने सभी प्रवेश द्वारों के तय किए नाम, प्रवेश द्वार के पास बनाई जाएंगी धर्मशालाएं
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी स्थापित करने से पहले मूलभूत सुविधाओं के विकास बढ़ाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार कराए गये विजन डाक्यूमेंट के आधार पर एक-एक योजना को धरातल पर लाने का काम शुरू हो गया है। जन्मभूमि पथ- भक्ति पथ व राम पथ के बाद प्रवेश के सभी छह रास्तों पर प्रवेश द्वार निर्माण की तैयारी शुरू हो गयी है। प्रवेश द्वारों की डिजाइन सिक्स लेन, फोर लेन और टू लेन मार्गों को ध्यान में रख कर तैयार की जा रही है। ये द्वार शिलाओं से निर्मित होंगे। इन शिलाओं की खासियत राममंदिर में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों की तरह होगी। एक प्रवेश द्वार की अनुमानित लागत दस से 15 करोड़ रुपये होगी।
प्रवेश द्वार के पास ही सुव्यवस्थित धर्मशालाएं भी बनाई जाएंगी। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप रामनगरी को आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसी क्रम में रामनगरी की सीमा पर छह भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण प्रस्तावित है। इनकी डिजाइन तैयार कराई जा रही है। फिलहाल निर्माण से पहले भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति बन गयी है। पर्यटन विभाग ने रायबरेली रोड पर सरियावां के बाद अम्बेडकरनगर रोड पर राजेपुर गांव में भूमि की रजिस्ट्री के लिए काश्तकारों को राजी कर लिया है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी व उपनिदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस स्वीकृत योजना में आपसी सहमति से भूमि अधिग्रहण के लिए 98 करोड़ के बजट का प्रावधान किया। इसके सापेक्ष 25 करोड़ की राशि का आवंटन भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि रायबरेली व अंबेडकरनगर रोड के अलावा लखनऊ रोड पर फिरोजपुर, प्रयागराज रोड पर मोईनुद्दीन पुर, बस्ती रोड पर इस्माइलपुर व गोण्डा रोड पर कटरा भोगचंद के करीब तीन दर्जन किसानों ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि राजेपुर गांव में सोमवार को रजिस्ट्री हो जाएगी। वहीं लखनऊ मार्ग पर मुमताज नगर और घाटमपुर के बीच छह सौ कमरों से युक्त, रायबरेली मार्ग पर मऊ यदुवंशपुर में दो सौ कमरे, प्रयागराज मार्ग पर मैनुद्दीनपुर में दो सौ कमरे, अंबेडकरनगर मार्ग पर दशरथ समाधि स्थल के निकट 250 कमरे, गोंडा मार्ग पर कटरा के पास 370 कमरे की धर्मशालाओं का निर्माण होना है।
बनने वाले प्रवेश द्वारों के नाम
- -लखनऊ-अयोध्या मार्ग : श्रीराम द्वार
- -गोरखपुर – अयोध्या मार्ग हनुमान द्वार
- -गोंडा- अयोध्या मार्ग : लक्ष्मण द्वार
- -प्रयागराज- अयोध्या मार्ग : भरत द्वार
- -अंबेडकरनगर- अयोध्या मार्ग : जटायु द्वार
- -रायबरेली- अयोध्या मार्ग : गरुड़ द्वार
2024 की मकर संक्रांति पर होगी प्राण प्रतिष्ठा
-जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होते ही राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे। यह दिन अयोध्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि राम जन्मभूमि में पौष शुक्ल तृतीया के दिन प्राकट्य हुआ था। वर्ष 2024 में पौष शुक्ल तृतीया 75 वर्ष बाद मकर संक्रांति को ही पड़ रही है। 75 वर्ष बाद गर्भगृह में भगवान का स्वरूप भी भव्य होगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब मंदिर में रामलला की खड़े अवस्था में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेगा।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि भगवान रामलला के स्थाई मूर्ति के स्वरूप पर मंथन शुरू हो गया है रामलला की स्थाई मूर्ति श्याम रंग की होगी। मूर्ति के आकार और प्रकार को लेकर पद्मश्री पुरस्कार से पुरस्कृत मूर्तिकारों को स्थाई मूर्ति के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति 5 वर्षीय बालक के स्वरूप पर होगी जिसमें मूर्ति की ऊंचाई लगभग साढ़े 8 फीट ऊंची होगी।