– केरल के राज्यपाल ने अयोध्या उत्सव को किया संबोधित
अयोध्या। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को अयोध्या उत्सव में कहा कि राम हर क्षेत्र में हैं। देश की हर भाषा और बोली में समाहित हैं। यहां के लोगों ने राम को अपने-अपने तरह से और अन्य परिप्रेक्ष्य में देखने का प्रयास किया है। सबसे पहले आदि कवि वाल्मीकि ने उन्हें देखा अथवा महसूस किया। उनकी रामायण पूरे देश में विभिन्न रूपों में मौजूद है। हमने अपने बच्चों को राम के आदर्श से व्यक्तित्व निर्माण समझाया। मानवता के विकास का प्रयास किया। बच्चों में दिव्यता पैदा करने की कोशिश की।
तीन दिवसीय अयोध्या उत्सव का आयोजन हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषायी न्यूज एजेंसी, श्रीअयोध्या न्यास और प्रज्ञा के संयुक्त तत्वावधान में श्री मणिराम दास छावनी स्थित श्रीराम सत्संग भवन में किया गया है। इस दौरान दूसरे दिन के द्वितीय सत्र में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भगवान राम को कहीं एक आदर्श राजा के रूप में तो मां सीता को भू देवी और भूमि की बेटी के रूप में स्वीकारा। दक्षिण भारत में वह भगवान राम को आदर्श स्वरूप सूर्य मानते थे। इसलिए वे सूर्यवंशी हैं। उन्होंने आदि कवि वाल्मीकि के बारे में बताया और कहा कि दक्षिण में भक्ति आंदोलन की शुरुआत उत्तर से काफी समय पहले हुई। भक्ति आंदोलन में भगवान राम के दिव्य रूप को देखा गया। उनको अवतार के रूप में देखा गया। केरल में महाविष्णु के अवतार के तौर पर इन्हें देखा गया तो मलयालम में रामायण का अविर्भाव हुआ।
राष्ट्र सुरक्षित तो सब सुरक्षित : महंत कमलनयन
. श्रीमणिराम दास छावनी अयोध्या के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास शास्त्री ने कहा कि आने वाले जनवरी माह में भगवान अपने परिवार के साथ मूल गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। पूरे विश्व में जहां भी भगवान के भक्त हैं, सभी बड़े ही आनंदित हैं। आनंद की सीमा नहीं है। जिस तरह से लोगों के अंदर उत्साह है, आनंद है, सभी लोग अपने घरों में, मठ-मंदिरों में जो जहां है वहीं आनंद मनाएं और प्रसाद वितरण करें, बहुत अच्छा होगा। वे हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी की ओर से आयोजित अयोध्या उत्सव में बोल रहे थे।
अयोध्या को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन हब बनाने का लक्ष्य
अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार ने अयोध्या उत्सव के माध्यम से लोक में राम के बारे में चर्चा करने का जो मौका दिया, उसके लिए बहुत-बहुत आभार। राम नगरी सज रही है, संवर रही है। 5-10 हजार करोड़ नहीं, बल्कि 32 हजार करोड़ से। इसमें रामलला के मंदिर की लागत अलग है। सरकार का लक्ष्य अयोध्या को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन हब बनाने का है।