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वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने 98 वर्षीय बुजुर्ग कैदी को कराया रिहा

भाजपा नेता शैलेन्द्र मोहन मिश्र ने जमा किया 11500 रुपए जुर्माना


अयोध्या। अपने सहकर्मियों के साथ जेल में निरूद्ध बन्दियों कैदियों के बीच अपने कार्यव्यवहार से विशिष्ट सम्मान रखने वाले मंडल कारागार अयोध्या के बरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्र ने अपने व्यक्तिगत प्रयास और मित्रो के सहयोग से किसी मामले में 5 साल की सजा काट रहे 98 वर्षीय बुजुर्ग रामसूरत को जेल से रिहा ही नही कराया बल्कि उनके ऊपर लगा 11 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी भरवा कर एक बार फिर बड़ी मानवता की मिशाल पेश की है

बता दे कि 6 जनवरी को कारागार में नियमित भ्रमण एवं बंदियो की कुशल-क्षेम पूछते समय उनकी नजर एक वयोवृद्ध व्यक्ति पर नजर पड़ी। जिनकी उम्र 95 वर्ष से अधिक लग रही थी। पूछने पर पता चला कि उनका नाम रामसूरत है और उनकी उम्र 98 वर्ष है तथा वे श्री बाबा रघुनाथ दास जी की बड़ी छावनी अयोध्या के पुजारी वह तत्कालीन महंत कौशल किशोर दास के शिष्य हैं।

कारागार के अभिलेखों के अवलोकन करने पर पता चला कि 2019 में न्यायालय द्वारा राम सूरत को पांच वर्ष की सजा से दंडित किया गया था तथा न्यायालय द्वारा उक्त बंदी का रिहाई आदेश 8 अगस्त 2022 को कारागार पर भेजा गया था। परन्तु उस समय कोविड-19 के अंतर्गत 90 दिन की विशेष पैरोल पर उक्त बंदी कारागार से बाहर था। इस कारण रिहाई आदेश को 10 अक्टूबर, 2022 को न्यायालय वापस कर दिया गया। उन्होंने 7 जनवरी को माननीय न्यायालय को पत्र लिख कर बंदी राम सूरत का रिहाई आदेश पुनः भेजने का अनुरोध किया।

जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए न्यायालय द्वारा उक्त बंदी का रिहाई आदेश कारागार पर भेज दिया गया।बीजेपी कार्यकर्ता शैलेंद्र मोहन मिश्र उर्फ छोटे मिश्र द्वारा बंदी राम सूरत का जुर्माना रु0 11,500 जमाकर रिहा कराया गया। उक्त वयोवृद्ध बंदी को, जेल में उनका जमा धन वापस कर कार द्वारा उनके मंदिर तक भेजा गया।

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