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शिशुओ को सुपोषित बनाने के लिए 2 अक्टूबर तक चलेगा ‘संभव’ अभियान

अयोध्या। कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियों एवं से होने वाली मृत्यु का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कुपोषण की सबसे गंभीर श्रेणी सैम व अल्प वजन के मैम बच्चे आते हैं । सैम(अति कुपोषित ), मैम गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर उन्हें चिकित्सा उपचार परामर्श अथवा गृह आधारित देखभाल के माध्यम से स्वस्थ एवं पोषित करना बाल विकास एवं पुष्टाहार व स्वास्थ्य विभाग का संयुक्त प्रयास है जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना पाण्डेय ने बताया कि तीन माह के अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम), बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है ।

इस हेतु सितंबर माह में 20 से 25 के मध्य पुनः वजन सप्ताह का आयोजन करते हुए प्रगति का निर्धारण किया जाएगा। इसलिए कुपोषित बच्चों के साथ-साथ पोषण प्रोत्साहन के अन्य थीम पर भी जन जागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी अभियान के अंतर्गत माहवार अगस्त 2021 जीवन के पहले 1000 दिवस सितंबर माह मे सैम मैम का उपचार पोषण माह 2021 के साथ-साथ आयोजित करना है। सीडीपीओ रवि श्रीवास्तव ने बताया कि इसके तहत बीते 17 से 24 जून तक 2381 आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन सप्ताह मनाया गया था । इसमें जनपद के 0 से 5 वर्ष के कुल बच्चों की संख्या 212069 थी । इनमें से कुल 205425 बच्चों का वजन लिया गया। इसमें 18660 बच्चे सामान्य , 12740 माध्यम अल्प वजन और 3443 गंभीर अल्प वजन के थे । जिन बच्चों की लंबाई और ऊंचाई का नाप किया गया उनकी संख्या 203575 थी । इनमें कुल सामान्य बच्चे 198299 , कुल मैम 4467 बच्चे और कुल सैम यानि गंभीर अतिकुपोषित बच्चे 809 थे । सीडीपीओ रवि श्रीवास्तव ने बताया कि इसी क्रम में कुपोषण को रोकने के लिए संभव अभियान के तहत पोषण संवर्धन की ओर एक कदम का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जो आगामी दो अक्टूबर तक जारी रहेगा। वहीं सितंबर माह में 20 से 25 सितंबर के मध्य एक बार फिर वजन सप्ताह मनाया जाएगा।

एएनएम, आंगनबाड़ी और आशा गांवों में भ्रमण कर कुपोषित बच्चों का जांच कर रही हैं। कुपोषित बच्चों का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र पर किया जा रहा है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर गर्भवती व धात्री महिला को उनके स्वस्थ्य व पोषण के प्रति जागरूक करेंगी। मध्य प्रथम त्रैमासिक वाली गर्भवती को शीघ्र पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उनका वजन और लम्बाई नापी जाएगी ताकि उनके पोषण का स्तर जाना जा सके। द्वितीय त्रैमासिक वाली गर्भवती का वजन व स्वास्थ्य जांच के साथ ही आयरन व कैल्शियम तथा पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दी जाएगी और इसके महत्व के बारे में बताया जायेगा। गांवों में भ्रमण कर एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की खोज अभियान अभी चल रहा है। सभी विवरण आनलाइन किया जा सके। सभी संबंधित विभागों को इसकी सूचना मिलती रहेगी और संबंधित विभाग इसी के आधार पर कार्यों का संपादन करेंगे। सितंबर माह में पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा ।

अभियान की समाप्ति पर पोषण की श्रेणी में आए हुए बदलाव का पुणे आंकलन किया जाएगा तथा जनपद से तीन आंगनबाड़ी ,तीन मुख्य सेविका, तथा तीन बाल विकास परियोजना अधिकारी को पुरस्कृत की भी किया जाएगा द्य इस कार्य में जनपद स्तर पर कार्यरत सहयोगी संस्थानों का भी सहयोग लिया जा सकता है।

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