पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों में अन्त्योदय की अवधारणा विषय पर हुई चिन्तन गोष्ठी
फैजाबाद। परिवार से कुल, कुल से वंश, वंश से जाति, जाति से समाज, समाज से देश, देश से विश्व यही है वसुधैव कुटुम्बकम का भावद्य जिसका आधार है प्रेम एवं ममताद्य परिवार में माँ होती है जो ममत्व की मूर्ति होती है और सभी के लिये समान ममता का भाव रखती है। ममता के बिना समता नहीं होती। यह विचार मंथन के अन्तर्गत एकात्म मानव दर्शन अनुसन्धान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने चिन्तन गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों में अन्त्योदय की अवधारणा विषय पर आयोजित चिन्तन गोष्ठी में अपना शोधपरक व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारे गाँव- समय जहाँ अचल खड़ा है, लोग अनिकेत और अपरिग्रही हैं इसलिए क्योंकि वे दरिद्र हैंद्य यह ही आराध्य हैं, इनकी आराधना करनी हैद्य उनको जागृत कर संचालित करके पुरुषार्थ चतुष्टय को प्राप्त कर सच्चे अर्थों में मन से अनिकेत एवं अपरिग्रही बनाना हैद्य यही दीनदयाल जी के विचार हैं। इसका कार्य आधार ममता है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से विकसित करना है जब कोई अंतिम ना हो सब समान रूप से विकास की ओर अग्रसर हों तथा अन्योदय का विचार अप्रासंगिक हो जाये, क्योंकि कोई अंतिम नहीं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि योगाचार्य डॉ चैतन्य ने कहा कि पं. दीनदयाल जी का पूरा जीवन प्रेम, ममता एवं राष्ट्र को समर्पित था। उनके लिये पूरा समाज परिवार हि थाद्य उनका संकल्प सबके साथ- सबके विकास के लिये था। इस अवसर पर प्रतिष्ठान के उत्तर प्रदेश के संयोजक त्र्यम्बक तिवारी ने कहा कि एकात्म प्रतिष्ठान की स्थापना मानवीयता के समग्र विकास को समर्पित है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर ऋषिकेश उपाध्याय एवं संचालन ई. रवि तिवारी ने कियाद्य कार्यक्रम के संयोजक अंगद सिंह ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत एवं आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता वीरभान प्रताप सिंह, ईश्वर चंद्र तिवारी, डॉ बाँके बिहारी मणि त्रिपाठी, रामदयाल सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय, राधेश्याम त्यागी, पत्रकार बलराम तिवारी, डॉ आर के सिंह, डॉ के के वर्मा, डॉ दिलीप सिंह, डॉ सन्त शरण मिश्रा, रामकुमार गुप्ता, राजेश मंध्यांन, त्रिभुवन यादव,परमानन्द मिश्रा, डॉ बृजेश पासवान, राजेश तिवारी, गोकरन द्विवेदी, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह, मानस तिवारी, अरविन्द तिवारी, डॉ मयंका माहेश्वरी, स्मृता तिवारी, सीमा सिंह, वंदना द्विवेदी, आदि बड़ी संख्या लोग उपस्थित रहे।