-राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में कुबेर टीला पर जटायु आश्रम बनाने पर हुआ मंथन
अयोध्या। रामलला के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु व पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राइट्स को जिम्मेदारी सौंपी गई है। राइट्स भारत सरकार की सबसे बड़ी रेलवे की कंपनी है। श्रद्धालुओं के रुकने, बैठने व ठहरने से लेकर उन्हें चुनिंदा मार्गों से जन्मभूमि परिसर तक ले जाने की व्यवस्था राइट्स को ही करनी है। इसे लेकर कंपनी के इंजीनियरों ने अध्ययन भी करना शुरू कर दिया है। इस समय अयोध्या धाम के रेलवे स्टेशन का निर्माण भी राइट्स ही करा रही है। रविवार को मंदिर परिसर में निर्माण समिति की बैठक के बाद देर शाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि परिसर में मंदिर निर्माण प्रगति पर है।
जनवरी 2024 में रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। श्रद्धालु व पर्यटकों के ठहरने और उनकी सुविधाओं का ध्यान रखने के लिए राइट्स को जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में बैठक के दौरान एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंसी व राइट्स के साथ यात्री सुविधाओं को लेकर चर्चा की गई।
चंपत राय ने परिसर से जुड़ने वाले मार्गों पर भीड़ को नियंत्रित करने का सुझाव रखा। उन्होंने बताया कि 70 एकड़ परिसर के अंदर और परिसर के बाहर नगर निगम के कार्य क्षेत्र में जितने भी विकास के कार्य हो रहे हैं। उसमें तालमेल बैठाने के लिए राइट्स के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। बैठक के दौरान मंडलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी नीतीश कुमार व अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने अयोध्या प्रमुख मार्गों से होकर राम जन्मभूमि तक जाने वाले मार्गों पर दी जाने वाली सुविधाओं व व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
बैठक के दौरान परिसर में स्थित कुबेर टीला को लेकर भी चर्चा की गई। वहां शिवलिंग विराजमान है। उसका जीर्णोद्धार और उस पर जटायु का आश्रम बनाने पर विचार किया जा रहा है। इस टीले की मजबूती को लेकर भी चर्चा हुई। चंपत राय ने कहा कि आने वाले तीर्थ यात्रियों को कम से कम कठिनाइयां उठानी पड़े। जाम में न फंसे, एक दूसरे से न टकराएं और क्राउड मैनेजमेंट पर चर्चा हुई। बैठक में ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र भी मौजूद थे।