-चंबल परिवार का आयोजन
बसरेहर, इटावा । श्रमदान की परंपरा हमारे समाज में एकजुटता और सौहार्द का माहौल बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। सच्चे मन से श्रमदान करने से जहां शरीरिक और मानसिक ऊर्जा ग्रहण करने के साथ संवेदित होता है वहीं लोक कल्याणकारी कार्य ऐतिहासिक रूप से सफल होते हैं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लाल सेना का पहला छापामार केंद्र का गौरव, इस सरजमीं को हासिल है।
सामूहिक श्रमदान से लाल सेना स्मारक परिसर चमकाया गया। आने वाले दिनों में यहाँ और भी सांस्कृतिक गतिविधियों और रचनात्मक कार्यों से गौरवमी इतिहास जन्म लेगा। चंबल परिवार द्वारा बसरेहर के समीप लोहिया गांव में श्रमदान की अपील के बाद आधा दर्जन गाँवों के सैकड़ो निवासियों द्वारा इस पवित्र लाल सेना स्मारक परिसर में उत्साह से लबरेज नजारा दिखा। जहां कई घंटे की सफाई अभियान में लोगों ने अपना अमूल्य योगदान दिया।
श्रमदान से चंबल अंचल की और अमूल्य धरोहरों की जगरूकता मुहिम जारी रहेगी। श्रमदान में पहलकदमी में स्थानीय युवाओ, महिलाओं और बड़ों ने विशेष सहयोग दिया।