राम मन्दिर निर्माण संकल्प के साथ विहिप की धर्मसभा सम्पन्न
अयोध्या। विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में धर्मसभा कर भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर हुंकार भरी। विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा है कि अयोध्या में अब जमीन का बंटवारा बर्दाश्त नहीं है हमें राम मन्दिर के लिए पूरी जमीन चाहिए।
धर्मसभा का औचित्य स्पष्ट करते हुए चंपत राय ने कहा कि 25 साल बाद आज यहां फिर जुटने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि देश के कथित बुद्धिजीवियों को यह भ्रम हो गया था कि रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का प्रश्न 6 दिसंबर 1992 को समाप्त हो चुका है। वस्तुतः यह आग अभी बुझी नहीं है बल्कि अंदर अंदर सुलग रही है। उन्होंने कहा कि सभा के लिए उमड़ी भीड़ सिर्फ उत्तर प्रदेश के 45 जिलों से ही आई है। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद हमें यह सभा के आयोजन की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि कुछ समझदार लोगों को यह याद दिलाया जा सके कि राम मंदिर का मुद्दा छह दिसंबर 1992 के बाद से खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट टाल-मटोल कर रहा है। यहां राम का मंदिर था, मस्जिद बनाना इनवैलिड है। उन्होंने कहा कि यहां पर मंदिर का निर्माण किसी भी कीमत पर होना चाहिए। लड़ाई 500 वर्ष से जारी है। राम मंदिर आंदोलन में शामिल 30 वर्ष के युवा अब 60-62 वर्ष के हो चुके हैं। जब अर्जुन को बात समझ में नहीं आ रही थी तो कृष्ण ने अपना मुंह खोला और उसमें संसार का सच दिखा। विहिप की यह विराट धर्मसभा भी उसी क्रम में हैं।
धर्मसभा में तुलसी पीठाधीश्वर चित्रकूट रामभद्राचार्य ने कहा कि धर्म सभा में आए संत कम पढ़े लिखे हैं, इनको कौन समझाए। उन्होंने कहा कि भाजपा पर विश्वास करें। भाजपा ही राम मंदिर बनाएगी। उन्होंने कहा कि सब अति विश्वास में धोखे में रहे है। हमको पता है कि चुनाव बाद भाजपा राम मंदिर पर पहल करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि 11 दिसंबर के बाद सरकार राम मंदिर बनाने को लेकर बड़ा ऐलान करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश में राम मंदिर पर दिए गए बयान के बाद इसके निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।धर्म सभा में बड़ी संख्या में महिलाएं और नौजवान भी शामिल हुए। लोगों ने कहा कि अब याचना नहीं रण होगा।
धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए स्वामी परमानंद ने कहा कि मुसलमानों को रामजन्म भूमि हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए। यदि अब कानून बनाने की नौबत आई तो फिर हिंदू समाज काशी और मथुरा के धर्मस्थल भी इसी तरह हासिल करेगा। उन्होंने कहाकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोर्ट में यह आश्वासन दिया था कि यदि विवादित स्थल पर पहले से मंदिर होने की पुष्टि हो जाये तो फिर राम जन्मभूमि पर मुसलमान स्वतः ही अपना दावा छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्मस्थलों को तोडऩे का पाप मुस्लिम शासकों ने किया था। आम मुसलमानों को अपने आप को उनके गलत कृत्य से नही जोडऩा चाहिए।