-श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने किया पूजन अर्चन
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण को लेकर निर्माणाधीन फाउंडेशन के दूसरे चरण का काम प्रारम्भ करने के लिए सोमवार को पूजन के उपरांत प्रतीकात्मक कार्य के साथ मुहूर्त कर दिया गया। बताते चलें कि नींव की 48 लेयर पूरी होने के बाद दूसरे चरण में डेढ़ मीटर राफ्ट का निर्माण होना है जो कि पूर्व निर्मित चट्टान से दस गुना अधिक मजबूत होगी। इस राफ्ट निर्माण के बाद तीसरे चरण में सुपर स्ट्रक्चर के प्लिंथ का निर्माण मिर्जापुर के पत्थरों व कर्नाटक के ग्रेनाइट से किया जाएगा।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर के निमित्त किए जाने प्रत्येक नये कार्य का शुभारम्भ करने से पहले विधिवत भगवद आराधना के अन्तर्गत वास्तु पूजन की परम्परा शुरु की थी। परम्परा के निर्वहन में हर बार अलग-अलग पूजन होता रहा है। शुरुआत में 44 लेयर बिछाने की योजना थी। उसके बार डिजाइन में आवश्यक परिवर्तन के बाद लेयरों की संख्या बढ़ाकर 48 कर दी गयी। इसके बाद दूसरे चरण में राफ्ट निर्माण होना है जिसकी ऊंचाई डेढ़ मीटर होगी।
जन्मभूमि परिसर में शिफ्ट होंगी पूजित शिलाएं
-श्री रामजन्मभूमि कार्यशाला में रखवाई गयी पूजित शिलाओं को शीघ्र ही रामजन्मभूमि परिसर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने इस आशय का आदेश दिया है। उनके आदेश के बाद पूजित शिलाओं का परिसर में स्थान सुनिश्चित कर उन्हें भिजवाने की तैयारी शुरु हो गयी है। ऐसी संभावना है कि एकाध दिन में शिफ्टिंग का कार्य प्रारम्भ हो सकता है। बताते चलें कि रामजन्मभूमि आंदोलन के दौर में वर्ष 1989 में देश भर में रामरथ यात्राएं निकाली गयी थी और रामभक्तों से सवा-सवा रुपये और एक-एक शिलादान का आह्वान किया गया था।
श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के आह्वान पर देश के चार लाख गांवों में अलग-अलग शिलाओं का पूजन कर रामभक्तों ने इन शिलाओं को यहां भेजा और सवा-सवा रुपये का भी दान दिया था। इसी कड़ी नेपाल, वर्मा, श्रीलंका, मारीशस व यूके समेत लैटिन अमेरिकी देशों से भी यहां शिलाएं भेजी गयी थी। रामभक्तों की ओर से भेजी गयी करीब तीन लाख शिलाओं को रामजन्मभूमि कार्यशाला, रामघाट में ही सुरक्षित ढंग से रखवाया गया है। छह दिसम्बर 1992 से पहले यह सभी शिलाएं फकीरे राम मंदिर, रामकोट स्थित श्रीरामजन्म भूमि न्यास के कार्यालय में सुसज्जित थी।
अधिग्रहण के बाद फकीरे राम मंदिर में केन्द्रीय बलों ने डेरा डाल दिया जिसके कारण न्यास का कार्यालय बंद हो गया। पुनः शिलाओं को रामघाट में शिफ्ट कराया गया था। श्री रामजन्मभूमि परिसर में शिलाओं का उपयोग कहां किया जाएगा इसको लेकर अटकलों का दौर जारी है। इस बारे में ट्रस्ट महासचिव चंपत राय का कहना है कि रामशिलाओं का परिसर में सम्मान जनक उपयोग किया जाएगा लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इसका उपयोग किस भाग में होगा।