“मौलाना आजाद के जीवन व्यक्तित्व एवं कृतित्व” विषय पर हुई संगोष्ठी
फैजाबाद। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में प्रख्यात शिक्षाविद एवं भारत के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाये जाने के उपलक्ष्य में े अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग में ”मौलाना आजाद के जीवन व्यक्तित्व एवं कृतित्व“ विषय पर एक संगोष्ठी तथा रैली का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता छात्र-कल्याण के प्रो. आशुतोष सिन्हा ने मौलाना आजाद को एक महान राष्ट्रवादी, शिक्षाविद एवं आजादी के बाद भारतीय शिक्षा व्यवस्था का जनक बताते हुए कहा कि स्वतन्त्रता आन्दोलन और हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रो0 सिन्हा ने भारत के प्रथम शिक्षामंत्री के रूप में उनके कार्यों की विस्तार से चर्चा की तथा भारतीय शिक्षण व्यवस्था में आ रही चुनौतियों और शिक्षा के बाजारीकरण से होने वाले लाभ-हानियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र-छात्राओं से मौलाना आजाद के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
डाॅ0 शैलेन्द्र वर्मा ने शिक्षा में सुधार के लिए मानव पूंजी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। डाॅ0 अनिल यादव ने कहा कि मौलाना आजाद के प्रति सच्ची श्रंद्धाजंलि तभी होगी जब हम शिक्षा व्यवस्था में पूरी तरह से ईमानदारी एवं पारदर्शिता से कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिषद सचिव डाॅ0 संतोष गौड़ ने शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की। डाॅ0 प्रदीप त्रिपाठी ने वर्तमान में राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था में हो रही कमियों के लिए शिक्षा नीति में व्यापक सुधार पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किया। जिसमें मुख्य रूप से नवीन चन्द्र गुप्ता, रजत मलिक, आशुतोष तिवारी एवं आकांक्षा रही।
स्ंागोष्ठी का शुभारम्भ मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 प्रदीप त्रिपाठी द्वारा किया गया। संगोष्ठी के पूर्व विश्वविद्यालय परिसर में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिन पर शिक्षकों, कर्मचारियों एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं द्वारा एक रैली निकाली गयी।