– दो दिवसीय उर्स का हुआ समापन
अयोध्या। शक्ति भी शांति भी भक्तों के गीत में है, धरती के वासियों की मुक्ति प्रीत में है। मणि पर्वत स्थित हज़रत पैगम्बर शीश के दो दिवसीय सालाना उर्स के मौके पर सोनभद्र से आए मुफ़्ती शब्बीर अहमद ने अल्लामा इकबाल की इन्ही लाइन से अपनी तक़रीर शुरू किया। अपने बयान में उन्होंने कहा कि प्रेम में जो खो गया उसके लिए दुनिया की हर चीज़ बेकार होती है। वो प्रेम चाहे जिस चीज़ से हो। इस लिये हमें चाहिए कि हम अपने धर्म के सभी बुजर्गों जैसे अम्बिया, औलिया गौस, ख्वाजा, वलियों से बेपनाह मोहब्बत करें जिससे हमारे आखरी वक्त में यही निजात का जरिया बने। गौरतलब है कि मंगलवार से शुरू हुए उर्स पाक के दूसरे दिन यानी बुधवार को बाद नमाज़ फजर कुरआन ख्वानी होने के बाद सुबह 10 बजे ग़ुस्ल मज़ार शरीफ सम्पन्न हुआ जिसके बाद पूरे दिन ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ जिसमें मौलाना मुश्ताक़ अहमद, मुफ़्ती ज़ियाउल हक़, मौलाना अहमद हुसैन सिद्दीकी आदि ने तक़रीर किया। उर्स के मौके पर पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन भी पार्षदों व महानगर कमेटी के साथ दरगाह पर पहुंचकर हाज़री लगी। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अब्दुल मन्नान भी पहुंचे और अपनी हाज़री लगाई। शाम में ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन हुआ जिसमें दूर दराज से आए मशहूर शायरों ने अपने अपने कलाम पेश किया। अपने बयान में औलादे मखदूम सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत शीश पैगम्बर सैय्यद मोहम्मद आसिफ फिरदौसी ने कहा कि अल्लाह ने सबसे पहले दुनिया में हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को पैदा फरमाया जिनके बड़े बेटे हज़रत शीश अलैहिस्सलाम हैं और इन्हीं से सारी दुनिया चली और चल रही है। ये दरगाह हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है। सैय्यद मोहम्मद आसिफ फिरदौसी ने कार्यक्रम के आखिर में सारी दुनिया के लिए दुआ करते हुए कहा कि अल्लाह अपने पैगम्बर के सदके में हिंदुस्तान में रहने वाले सभी को अपने अमान में रक्खे और सभी की परेशानियों को दूर करे। इस मौके पर मोतवल्ली दरगाह सैय्यद हेलाल अहमद, हाजी महबूब, हाफिज असलम, मौलाना मुश्ताक़ अहमद, आज़म क़ादरी, मोहम्मद इरफान नन्हे मियां, मोहम्मद अच्छन, नौशाद आलम, सूफी सुहैल साबरी, वज़ीर अहमद, सैय्यद यजदानी के अलावा बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद रहे।