असिस्टेंट प्रोफेसर बने नंदराम निषाद, मित्रों रिश्तेदारों ने घर पर पहुंचकर मिठाइयां
मसौधा–फैजाबाद। “होनहार बिरवान के होत चिकने पात ” कहावत को चरितार्थ करते हुए माटी के लाल ने एक इतिहास रच दिया है और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं । सोहावल तहसील के ब्लॉक मसौधा का एक छोटा सा गांव पिपरी जहां लोगों का मुख्य व्यवसाय मिर्चा ,गोभी ,धनिया उगाकर अपनी जीविका चलाते हैं उसी माटी में सन 1981 में पैदा हुए नंदराम निषाद पुत्र जागेश्वर प्रसाद निषाद अपने प्रतिभा का परचम उस समय ही लहराया था जब वह 1999 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में पांचवा स्थान और मंडल में पहला स्थान प्राप्त किया था उसी समय से क्षेत्र के छात्र-छात्राओं ने इन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानकर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में लगे हैं। कामयाबी का यह कारवां यहीं नहीं थमा 2005 में प्राथमिक शिक्षक बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया और वर्ष 2013 में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर आसीन हुए इसी बीच अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए केंद्रीय विद्यालय मे टीजीटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण किया किन्तु परिवार की जिम्मेदारियों के चलते सुदूर क्षेत्र में नौकरी करना मुनासिब नहीं समझा और नौकरी ज्वाइन नहीं किया जुनून तो कुछ और ही था 14 जुलाई 2018 उन्होंने हिंदी विषय की में असिस्टेंट प्रोफेसर बन कर पूरे जिले में नाम रोशन कर दिया प्राथमिक विद्यालय से महाविद्यालय पहुंचने पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा मित्रों रिश्तेदारों ने घर पर पहुंचकर मिठाइयां खिलाकर खूब बधाइयां दी असिस्टेंट प्रोफेसर बने नंदराम निषाद कहते हैं कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ किसी भी क्षेत्र में परिश्रम करने पर सफलता अवश्य मिलती है उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता मित्रों सहित अपने गुरु अखिल सिंह व आशा क्लासेज को देते हैं उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य सिविल परीक्षा उत्तीर्ण कर अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है।
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