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ईश्वर उनकी आत्मा को प्रदान करे शांति
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा
ब्यूरो। प्रख्यात कवि, भारत रत्न‚ युगपुरूष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शत्-शत् प्रणाम के साथ ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें। उनके निधन से पूरा देश शोकाकुल हो उठा है। यही नहीं सदैव विवादों से दूर और विरोधी राजनेताओं के दिलों में स्थान रखने वाले स्व. अटल बिहारी वाजपेयी युगों तक अपने सद्कर्माें के कारण याद किये जाते रहेंगे।
तीन बार प्रधानमंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। राजघाट के पास स्थित राष्ट्रीय स्मृति भवन में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बीते 36 घंटों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और तमाम प्रयासों के बावजूद उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो पाया। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। वह 93 वर्ष के थे. उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्या हैं. केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश भर में सात दिन तक राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा राजकीय सम्मान के साथ अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास पर ले जाया जा रहा है, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं। वाजपेयी को मूत्रनली में संक्रमण, गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न आदि की शिकायत के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह से पीड़ित 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री का सिर्फ एक ही गुर्दा काम करता है।
एम्स की ओर से गुरुवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में इस बात की पुष्टि की गई है। एम्स के मीडिया एवं प्रोटोकाल डिविजन की अध्यक्ष प्रो. आरती विज की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है, ‘दुख के साथ हम यह सूचना साझा कर रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को दोपहर बाद 5.05 बजे हो गया.’ एम्स ने कहा कि हम पूरे देश को हुई इस अपूरणीय क्षति एवं दुख में शरीक हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि दुर्भाग्य से पिछले 36 घंटे से उनकी हालत में लगातार गिरावट आ रही थी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. एम्स की ओर से कहा गया है कि हरसंभव प्रयास के बाद भी हम वाजपेयी को नहीं बचा पाए।
अटल बिहारी वाजपेयी ने 1947 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्णकालिक प्रचारक बने. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कुल मिलाकर 47 साल तक संसद के सदस्य रहे. वह 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए। भाषाओं, विचारधाराओं और संस्कृतियों के भेद से परे एक कद्दावर और यथार्थवादी करिश्माई राजनेता, वाजपेयी एक प्रबुद्ध वक्ता और शांति के उपासक होने के साथ साथ हरदिल अजीज और मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे.
जनसंघ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व कर चुके हैं. पहली बार साल वह प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए थे। 1996 में केंद्र की सत्ता में भाजपा की ताजपोशी वाजपेयी की कमान में ही हुयी थी. हालांकि यह सत्ता मात्र 13 दिन (16 मई 1996 से 01 जून 1996 तक) की थी. वाजपेयी के करिश्माई व्यक्तित्व के बल पर ही भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार 1998 में फिर सत्ता में लौटी और इस बार 13 महीने (19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999) में सरकार अविश्वास प्रस्ताव की अग्नि परीक्षा को पास नहीं कर पाई और गिर गई। अक्टूबर 1999 में बनी भाजपा की अगली सरकार ने उनके नेतृत्व में अपना कार्यकाल (13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004) पूरा किया। कुशल राजनीतिज्ञ होने के अलावा वह हिंदी के प्रखर कवि, वक्ता और पत्रकार भी रहे हैं. वह 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष रहे थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित प्रचारक रहे वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘अटल जी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को, हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे. ओम शांति!’ शाह ने ट्वीट किया, ‘अटलजी एक ऐसे लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे थे जिनका मानना था कि सत्ता सेवा का साधन है और राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बगैर उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा और इसलिए लोगों ने राजनीतिक तथा सामाजिक सीमाओं से परे हटकर उनके प्रति प्यार और सम्मान दिखाया.’ वाजपेयी के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश ने आज अपना एक महान सपूत खो दिया. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘आज भारत ने अपना एक महान सपूत खो दिया. वाजपेयी जी को करोड़ों लोग स्नेह और सम्मान देते थे. उनके परिवार एवं चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. हम उनकी कमी महसूस करेंगे.’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दुखद निधन के बारे में पता चला. वह एक शानदार वक्ता, प्रभावी कवि, अद्वितीय लोकसेवक, उत्कृष्ट सांसद और महान प्रधानमंत्री रहे.’ उन्होंने कहा, ‘वाजपेयी जी आधुनिक भारत के शीर्षस्थ नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं को लंबे समय तक याद किया जाएगा.’ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे बहुत दुख है, यह देश के लिए बड़ा नुकसान है.’ केजरीवाल गुरुवार सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ वाजपेयी की सेहत का हाल जानने एम्स गए थे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार के कार्यालय, विद्यालय अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति सम्मान के तौर पर 17 अगस्त को बंद रहेंगे।
केजरीवाल का आज जन्मदिन भी है, लेकिन वाजपेयी की गंभीर हालत को देखते हुए उन्होंने जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है. केजरीवाल ने आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों से उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के बजाय वाजपेयी के शीघ्र स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना करने की अपील की थी। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से बहुत दुखी हूं. भारत रत्न अटल जी को हमेशा एक महान राजनेता, शानदार वक्ता, और व्यापक दृष्टिकोण वाले नेता के रूप में याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. ईश्चर उनको यह क्षति वहन करने की शक्ति प्रदान करे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राज्य में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस अवधि में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज झुके (हाफ मास्ट) रहेंगे। अटल जी के सम्मान में राज्य सरकार ने 17 अगस्त, 2018 का राजकीय अवकाश घोषित किया है। शुक्रवार सभी सरकारी कार्यालय व स्कूल बन्द रहेंगे। राजकीय शोक के दौरान सरकारी स्तर पर किसी तरह का मनोरंजक कार्यक्रम, सामूहिक भोज आदि पर रोक रहेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में केंद्र सरकार के जारी सर्कुलर को सभी जिलाधिकारी, विभागाध्यक्ष को भेज कर इसी आधार पर कार्यवाही करने को कहा है।