Breaking News

हनुमानगढ़ी के नागा साधु की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा

-रकम व उत्तराधिकार के लिए दोनों शिष्यों ने की थी हत्या, आला कत्ल चाकू बट्टा व 1.8 लाख रूपये बरामद

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या के हनुमानगढ़ी परिसर में बसंतिया पट्टी के नागा साधु की हत्या उसके दोनों शिष्यों ने की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर आला क़त्ल चाकू व बट्टा, चोरी किया गया मोबाइल व 1.8 लाख रुपये बरामद किये हैं। मामले में पट्टी के महंत रामचरण दास का आरोप सच साबित हुआ। उन्होंने संपत्ति और उत्तराधिकार के लिए हत्या के आरोप में शिष्यों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

नयाघाट पुलिस चौकी में एसएसपी राजकरन नय्यर ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार सुबह राम सहारे दास चेला स्व. दुर्बल दास का रक्तरंजित शव उनके आश्रम के कमरे में मिला था। आरजेबी थाना पुलिस ने दोनों शिष्यों के खिलाफ हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज की थी।एक शिष्य बिहार, बक्सर के थाना धनसुई स्थित खेमपुर गांव निवासी अंकितदास उर्फ गोविन्द को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

सर्विलांस के जरिये मौके से फरार शाहजहांपुर जनपद निवासी नाबालिक शिष्य को भी देर शाम हिरासत में लिया गया था। उन्होंने बताया कि दोनों ने पूछताछ में वारदात कबूल ली। इसके बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर अंकितदास के पास से चोरी के 40,750 और किशोर से 70,000 रूपये,एक मोबाइल तथा वारदात में प्रयुक्त चाक़ू व पत्थर का बट्टा बरामद किया है। आरजेबी पुलिस की ओर से अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।

अंकित दास ने रचा था पूरा ताना-बाना

-पुलिस का दावा है कि साधु की हत्या के मामले में वारदात की पूरी साजिश अंकितदास उर्फ गोविन्द ने ही रची थी। पूछताछ में उसने बताया है कि वह वर्ष 2017 में हनुमानगढ़ी पीठ से जुड़ा और सूर्यकुण्ड स्थित मन्दिर पर पूजापाठ का जिम्मा संभाला। कोविड काल में वापस अपने घर चला गया और दो माह पूर्व लौटा तो रामसहारे दास के आश्रम पर रहकर उनकी सेवा करने लगा। कुछ दिन पहले तक बसंतिया पट्टी का पुजारपना (पूजा अर्पण) का जिम्मा था और चढ़ावे की धनराशि गुरूजी हम लोगों से ही साफ करवा, गिनवाकर अपने पास रखते थे या बैंक में जमा कराते थे।

किशोर शिष्य 15-20 दिन पूर्व ही संस्कृत शिक्षा के लिए आया था और साथ ही आश्रम में रहने लगा। अंकित का कहना है कि चढ़ावे की बड़ी धनराशि देख उसकी नियति खराब हुई और उसने बाल शिष्य को पैसे का लालच देकर साथ मिला लिया। पैसा देकर चाकू खरीदवाया और तय किया कि जिस रात्रि में हनुमानगढ़ी पर भीड़भाड़ कम हो, उसी समय किशोर गुरूजी की हत्या कर आश्रम से रकम लेकर फरार हो जाय। बाद में वह आश्रम का उत्तराधिकार हासिल कर लेगा तथा मिलकर रकम का बंटवारा कर लिया जायेगा। हलांकि कहानी उल्टी हो गई और दोनों को जेल रवाना होना पड़ा।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  शैक्षिक उन्नयन के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के बीच अनुबंध

About Next Khabar Team

Check Also

पूर्व सांसद मित्रसेन यादव की मनाई गई 9वीं पुण्यतिथि

-सम्मानित किए गए उनके संस्थापित विद्यालय के एक दर्जन मेधावी छात्र अयोध्या। पूर्व सांसद मित्रसेन …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.