पर्यावरण को बेहतर व कुपोषण को दूर करने की एक साथ पहल
फैजाबाद। औरेकल कारपोरेट सिटिजनशिप इंडिया की सहायता से पर्यावरण को संरक्षित करने व कुपोषण को कम करने के लिए पानी संस्थान ने मया विकास खण्ड के 10 ग्राम पंचायतों में अमरूद, नींबू और आँवले के पौधे के साथ सहजन के बीज का वितरण ग्रामवासियों में किया। कार्यक्रम प्रबंधक देवाशीष मिश्रा ने बताया कि करीब 3500 पौधे व 10 किलो सहजन के बीज का वितरण करीब 2000 परिवारों को किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य ना सिर्फ पर्यावरण को और हरा भरा करने का बल्कि इस क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य देना भी है। सहजन एक ऐसी सब्जी है जो बाजार में चारों ओर बिकती है पर हम में से बहुत से लोग हैं, जो इस सब्जी को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं। इसका एक बहुत बड़ा कारण हमें इस पौधे के लाभ की पूरी ना होना है। सहजन की सब्जी ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न भाग के अनेकों प्रयोग पुराने जमाने से किये जाते रहे हैं। सहजन के फूल, फली व पत्तों में इतने पोषक तत्व हैं कि दक्षिण अफ्रीका के कई देशों में कुपोषण पीड़ित लोगों को इसे आहार के रूप में लेने की सलाह दी जाती है। हमारे आयुर्वेद में भी कई रोगों के उपचार के लिए सहजन का प्रयोग बताया गया है। सहजन के अपने आहार में शामिल कर हम अपने सेहत को और बेहतर कर सकते हैं। इसकी फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइजड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्निशयम और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।