-परीक्षार्थी बचें पेपर पैरासोमनिया से
अयोध्या। 24 मार्च से शुरू होने जा रहे बोर्ड परीक्षार्थी हितार्थ मनोकार्यशाला में डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि अधिकांश छात्रों की परीक्षा तिथि के पूर्व की रात बड़ी कष्टकारी एवं बेचैन मनोदशा से भरी होती है। नतीजन वह इस रात को न तो समग्र नींद ले पाते है,बल्कि एक चिंतित अर्धनिद्रा जैसी स्थिति में पूरी रात काट देते है और फिर सुबह न ही वे अपने को तरोताजा महसूस कर पाते है, बल्कि एक मानसिक थकान व आत्मविश्वास की कमी से उनका मन जकड़ा रहता है। जिसका दुष्प्रभाव उनके ‘‘इग्जाम-परफारमेंस’पर पड़ सकता है और फिर यही दुश्चचक्र कमोवेश उनके मन को प्रत्येक परीक्षा तिथि की पूर्व रात्रि को घेरने लगता है। परीक्षा तिथि की इस पूर्व रात्रि मनोदशा को मनोविश्लेषण की में ‘‘पेपर-पैरासोमनियां’ कहा जाता है।
ज़िला चिकित्सालय के किशोर व युवा मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने बताया कि छः से आठ घन्टे की स्वस्थ नींद के लिए हमारे मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ‘‘मेलाटोनिन’’नामक मनोरसायन का होना आवश्यक है। परन्तु परीक्षा पूर्व की रात्रि में तनाव बढ़ाने वाले मनोरसायन‘‘कार्टिसॉल’’ की मात्रा काफी बढ़ जाने के कारण‘‘मेलाटोनिन’’ का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिससे हमारी नींद तो दुष्प्रभावित होती ही है, साथ ही‘‘मेलाटोनिन’’ की कमी से हमारे मन में उत्साह व आत्म विश्वास पैदा करने वाले मनोरसायन ‘‘सेराटोनिन’’ का भी स्तर काफी कम हो जाता है। जिससे छात्र की सुबह चुस्त दुरूस्त न होकर निष्तेज व थकी-मादी होती है और फिर यही मनोदशा लेकर छात्र परीक्षा देने पहुंच जाता है जो कि परीक्षा प्रदर्शन को दुष्प्रभावित कर सकता है।
लक्षण :
उन्होने बताया कि कि पेपर पैरासोमनिया में निद्रा के दौरान ऐसे सपने आ सकते हैं जिससे छात्र चौंककर उठ सकता है तथा वह भयाक्रान्त व हड़बड़ाया हुआ हो सकता है और उसकी धड़कन व सांस की गति असामान्य रूप से बढ़ी हो सकती है तथा वह चीखना-चिल्लाना व रोना शुरू कर सकता है। इसे ‘‘स्लीप-ट्रेमर’’नाम से जाना जाता है। इसके अलावा ‘‘नाइटमेयर’’नामक स्लीप अटैक पड़ने की भी संभावना रहती है जिससे सोते समय मांशपेशियों में टपकन, झनझनाहट,खिंचाव व दर्द, पैर का पटकना, नींद में बडबड़ाना तथा शारीरिक शुन्नता जैसे लक्षण दिखायी पड़ सकते है।
बचावः
अतः जरूरत इस बात की है कि परीक्षा तिथि से पूर्व की रात्रि छात्र शांत व सन्तुष्टि के मनोभाव से छः से आठ घन्टे की गहरी नींद अवश्य ले तथा सोने से पहले अपने मन को अगले दिन की परीक्षा की विषय-वस्तु व अन्य सोच विचार से मन को आसक्त न होने दे, बल्कि आत्म-सन्तुष्टि व आत्म-विश्वास भरे मनोभाव से कुछ मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से धीरे-धीरे नींद को अपने उपर हावी होने दें। इस प्रकार छात्र को स्वस्थ नींद की प्राप्ति होगी और फिर उसके अगले दिन का परीक्षा प्रदर्शन भी अच्छा रहने की प्रबल संभावना होगी।