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पंचकोसी परिक्रमा : आस्था की डगर पर बढ़े श्रद्धालुओं के कदम

 भोर में ही परिक्रमा पथ पर उतर पड़ा श्रद्धालुओं का जत्था

अयोध्या। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इंतजार में बेचैन श्रद्धालुओं ने तिथि लगते ही जय श्री राम का उद्घोष किया और पुण्य लाभ अर्जन की कामना के तहत पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर उतर पड़े। कुछ ही देर में राम नगरी के चारों ओर एक धुंधली सी ही सही श्रद्धालुओं की एक श्रृंखला बन गई।
देवोत्थानी एकादशी को पंचकोसी परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा में कोविड 19 संक्रमण रोकने को बाहरी श्रद्धालुओं पर जिला प्रशासन ने पहले ही प्रतिबंध लगा रखा था। इसके लिए 13 स्थानों पर बेरीकेडिंग्स की गई थी। मेला क्षेत्र में मास्क लगाने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार प्रेरित किया जाता रहा है। लाउडस्पीकर से लोगों को कोविड 19 के प्रति जागरूक करने के साथ ही मास्क का निशुल्क वितरण किया जाता रहा। इस परिक्रमा में दूर दराज या बाहरी जिलों के श्रद्धालुओं की अपेक्षा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और संत महात्मा शामिल रहे। पंच कोसी परिक्रमा के दौरान पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किए गए थे। अयोध्या में आस्था के पग पर चल रहे पंच कोसी परिक्रमा में श्रद्धालुओं के साथ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी का अभद्र व्यवहार भी सामने आया है। उदया चौराहे पर तैनात दूसरे जिले के सीओ पर स्थानीय जनता व परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं के साथ अभद्र व्यवहार पर लोगों में नाराजगी रही। किया।बीटीसी की परीक्षा देने जा रही छात्रा, जिला अस्पताल जा रहे मरीज, रेलवे व नगरनिगम के कर्मचारी व मीडिया कर्मी भी सीओ के गुस्सा के शिकार हुए। होना पड़ा।यही नही स्थानीय मीडिया कर्मी को भी उनकी अभद्रता का शिकार होना पडा। जिसके विरोध में लोग एकजुट हो गए। उदया चौराहे पर दोनो तरफ लंबा जाम लग गया।मामला जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और डीआईजी दीपक कुमार के संज्ञान में आया तो तत्काल मेला अधिकारी एडीएम सिटी वैभव शर्मा और एसपी सिटी विजयपाल सिंह को मौके पर भेजे गए। अधिकारियों के पहुंचने और लोगों को बातचीत से संतुष्ट करने के बाद मामला बढ़ने से रोका जा सका। दोनो तरफ लगे जाम को निकाला गया। जिसके बाद समय समय पर परिक्रमा की कम भीड़ को देखते हुए उनको रोक कर अयोध्या मार्ग में फसे लोगो को कुछ कुछ समय बाद छोड़ने का प्रबंध किया जाता रहा है।उदया चौराहे पर एडिश्नल एसपी को तैनात किया गया।
कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोथानी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, आज की तारीख में भगवान् विष्णु अपनी योग निद्रा से जागे थे। इस कारण इस तिथि को देवोथानी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। इस पुण्यतिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस परिक्रमा को करने से मनुष्य के पाप मिट जाते हैं और उसे सुख-शान्ति की प्राप्ति होती है। अयोध्या नगरी के चतुर्दिक गोलाकार स्थिति में होने वाली इस पांच कोसी की परिक्रमा की परिधि में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली सहित हनुमान गढ़ी, कनक भवन, नागेश्वरनाथ और अयोध्या के करीब 6 हज़ार मंदिरों की परिक्रमा हो जाती है। ऐसी मान्यता है कि एक-एक मंदिर में परिक्रमा करने के जगह यदि देवोथानी एकादशी पर पंचकोसी परिक्रमा कर ली जाए तो संपूर्ण अयोध्या और उसमें स्थित सभी सिध्पीठो की परिक्रमा संपूर्ण हो जाती है। ऐसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा करते है।

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परिक्रमा मार्ग पर रही विशेष सफाई, सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम

-पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर नगर निगम प्रशासन की ओर से विशेष रूप से साफ सफाई की व्यवस्था की गई थी। नालियों पर दवा का छिड़काव व अस्थायी टॉयलेट बनाए गए थे। सभी अधिकारी अपनी-अपनी ड्यूटी पर गर्म कपड़े, दवाई, भोजन, पानी आदि के साथ रात में ही पूरी मुस्तैदी के साथ डट गए थे। कोविड हेल्प डेस्क के अधिकारी रात्रि 12 बजे से ही पंचकोसी परिक्रमा समाप्ति तक जमे रहे। नगर निगम की ओर से पेयजल के 18 टैंकर व मोबाइल टायलेट आदि की व्यवस्था परिक्रमा मार्ग पर थी। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर दो पहिया वाहनों व अन्य वाहनों पर प्रतिबंध रहा। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से पंचकोसी परिक्रमा को 03 जोन में बॉटकर 01 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में मुख्य राजस्व अधिकारी पीडी गुप्ता को तैनात किया गया था। 03 जोनल मजिस्ट्रेट, 08 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 23 स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारियों एवं जवानों की तैनाती रही। साथ ही 07 मजिस्ट्रेटो को आरक्षित किया गया था। मेला क्षेत्र में 17 स्थानो पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना रही। इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला 30 नवंबर 2020 को प्रातःकाल से प्रारंभ होकर दिन भर चलेगा। मेला सुरक्षा में 03 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, 6 जोनल मजिस्ट्रेट, 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। इन सभी के साथ पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, 06 मजिस्ट्रेट को आरक्षित किया गया है।

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