Breaking News

84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की अधिसूचना जारी

-परिक्रमा मार्ग हमारी सांस्कृतिक पहचान : लल्लू सिंह

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की अधिसूचना पर साधु- संतों में हर्ष व्याप्त हो गया है। सांसद लल्लू सिंह 2015 से लगातार इसके लिए प्रयासरत थे।

सांसद लल्लू सिंह के संयोजन में दिल्ली में हुए अयोध्या पर्व का मुख्य विषय 84 कोसी परिक्रमा मार्ग व इसमें आने वाले 151 धार्मिक व पौराणिक तीर्थ स्थलों को वैश्विक स्तर पर परिभाषित करना था। प्रदर्शनी के माध्यम से लगातार इसके विषय में जानकारी दी गयी। अधिसूचना जारी होने पर सांसद लल्लू सिंह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय सड़क व परिवाहन मंत्री नितिन गड़करी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को रामनगरी के संतों व जनमानस की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया है।

रामनगरी को दूसरी सौगात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। कैबिनेट की बैठक में अकबरपुर, बसखारी फोरलेन बाईपास का प्रस्ताव भी परित हुआ। इससे मया बाजार व गोसाईगंज का अस्तित्व भी बचा रहेगा। बंधा विल्वहरिघाट का चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी कैबिनेट ने पास किया है।

सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग में 24 स्थानों पर विश्राम स्थल बनेगा। पूरे मार्ग पर रामायण कालीन पौधे लगाये जायेंगे। सरयू नदी पर मूर्तियन घाट व शेरवा घाट पर पुल का निर्माण भी होगा। परिक्रमा मार्ग पर स्थित पौराणिक व धामिक तीर्थ स्थल पयर्टन का केन्द्र बन जायेंगे। इससे जुड़े क्षेत्रों का विकास होगा ही यहां रोजगार सृजन भी होगा। सांसद ने बताया कि 275 किलोमीटर का 84 कोसी परिक्रमा मार्ग अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर व बाराबंकी जनपद से होकर गुजरता है। कहा कि राममंदिर आन्दोलन में अगुवा अशोक सिंहल जी कहते थे 84 कोसी परिक्रमा ही अयोध्या का सांस्कृतिक परिधि है। केन्द्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी महत्ता समझा, इसीलिए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राजमार्ग घोषित किया। इस परिक्रमा मार्ग पर और इसके आस-पास ऐसे कई पौराणिक स्थल हैं जिनसे भारत की सांस्कृतिक पहचान जुड़ी हुई है। मखौड़ा धाम, श्रृंगीनारी, आस्तीक, गौतम, सुमेधा, यमदग्नि, च्यवन, रमणक, वामदेव, अष्टावक्र तथा पाराशर, संत तुलसीदास जैसे ऋषियों की तपस्थलियों के साथ-साथ इस परिधि में भगवान वराह का स्थान मौजूद है। इसके साथ में भगवान राम से जुड़े हुए कई स्थान हैं। 84 कोस में मौजूद धरोहर स्थलों की सूची बहुत लंबी है। इन स्थलों के जरिए भारत के पौराणिक अतीत के साथ-साथ इतिहास की भी एक ऐसी झांकी दिखाई देती है, जिसका कहीं और दर्शन होना दुर्लभ है।

अयोध्या धाम के संतों ने किया स्वागत

-रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने पर अयोध्या के संतो व विहिप ने स्वागत किया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने केंद्र सरकार को पत्र के माध्यम से सरकार द्वारा चिंहित किये गए भगवान श्री राम के वन गमन मार्ग में प्रयागराज, संगम व बाल्मीकि आश्रम को भी शामिल किये जाने की मांग की है। महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने खुशी जताई।

बताया कि वन गमन मार्ग में कुछ स्थलों को छोड़ दिया गया है और हमारा प्रयास है कि उन स्थलों को भी उस मार्ग से जोड़ा जाए जिसमें प्रयागराज संगम व बाल्मीकि आश्रम को छोड़ा गया है अभी दूसरे मार्ग से होकर जा रहा है। इस पर भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ध्यान दें और जिस मार्ग से भगवान श्रीराम वन गए थे वही मार्ग ही बनाए जाना चाहिए।  वहीं रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के बताया कि  राम मंदिर के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वागत योग्य है। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा चैत्र पूर्णिमा के समय निकाली जाती है।अयोध्या के सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी मानी गई है या लाखों वर्षों की प्राचीन परंपरा है।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  सहकारी गन्ना विकास समिति मसौधा के सात डेलीगेट ने दिया इस्तीफा

About Next Khabar Team

Check Also

अवध विवि की गठित समितियों ने दीपोत्सव के कार्यो में लाई तेजी

-मुख्यमंत्री के मंशानुरूप अवध विवि दीपोत्सव में तोड़ेंगा पिछला रिकार्ड अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.