Breaking News

सुभाष जयंती पर निकला नेताजी सम्मान मार्च

सम्मान मार्च में नेताजी की प्रपौत्री राजश्री बोस चौधरी भी हुई शामिल

नेताजी सम्मान मार्च

अयोध्या। स्वतंत्रता आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के शीर्ष पुरूष नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती पर सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय विचार केन्द्र के तत्वावधान में नेताजी सम्मान मार्च गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बड़े धूमधाम से निकाला गया। सम्मान मार्च चौक घंटाघर से निकलकर रिकाबगंज के रास्ते जिला चिकित्सालय होते हुए नगर निगम तक गया। वहां नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। सम्मान मार्च में नेताजी की प्रपौत्री सुश्री राजश्री बोस चौधरी भी शामिल रही। मार्च के साथ नेताजी के रथ का पूरे रास्तेभर लोगां ने पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। पूरे मार्ग में नागरिकों नें नेताजी के चित्र एवं उनकी प्रपौत्री राजश्री चौधरी की आरती एवं माल्यार्पण करके तथा मार्च में शामिल अतिथियों को माला पहनाकर तथा जलपान कराकर स्वागत किया। स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से अर्पित अग्रवाल, अंकित चौरसिया सपरिवार, निवेन अग्रवाल, बबिता अग्रवाल, भारती सिंह, हट्ठी महारानी मन्दिर पर अशोक सहदेव सपरिवार, अधिवक्ता राजीव शुक्ला सपरिवार, कमला नेहरू भवन पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामदास वर्मा के नेतृत्व में सुनील पाठक, उग्रसेन मिश्रा आदि समस्त पदाधिकारियों ने, परम् स्वीट हाउस सपरिवार, अशोक प्लाईवुड पर आहूजा परिवार, रिकाबगंज चौराहे पर चोटी वाला तथा वन्दना रेडीमेड सपरिवार, बावा एजेन्सी पर जसबीर सिंह एवं सत्नाम सिंह, मोहन स्वीट्स पर राजेन्द्र कुमार गुप्ता, रिकाबगंज हनुमानगढ़ी पर धर्मेन्द्र प्रताप सिंह टिल्लू एवं उनके साथियों द्वारा तथा गीता टैक्टर्स पर श्याम चोपड़ा आदि थे। मार्च में उदया पब्लिक स्कूल, अवध इण्टरलेशनल स्कूल, गुरूनानक स्कूल के बच्चे शामिल रहे। गुरूनानक स्कूल के बच्चों ने पूरे मार्च में देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसे लोगों द्वारा खूब सराहा गया।
नगर निगम स्थित नेताजी के मूर्ति पर माल्यार्पण के उपरान्त नगर निगम के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नेताजी जन्मोत्सव कार्यक्रम के संगोष्ठी में उपस्थित समुदाय से नेताजी की प्रपौत्री राजश्री बोस ने कहा कि यह अयोध्या की धरती है, जहां नेताजी ने अपना अज्ञातवास बिताया था। उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू भले ही पुस्तकों में नहीं है, लेकिन देशवासियों ने उन्हें वह स्थान दिया जो बहुत कम लोगों को मिलता है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज हमने इस अयोध्या की धरती पर देखा। उन्होंने सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय विचार केन्द्र के अध्यक्ष शक्ति सिंह की सराहना करते हुए कहा कि इन्होंने नेताजी के जन्मोत्सव पर इस प्रकार का आयोजन के साथ साथ गुमनामी बाबा की सच्ची तस्वीर सामने लाने की जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह सराहनीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गुमनामी बाबा का जो सामान संग्रहालय में रखा गया है, उसे दर्शकों के लिए खोल दिया जाय तो दुनिया को पता चलेगा कि गुमनामी बाबा कौन थे और इसका असर आगामी चुनाव पर भी पड़ेगा। उन्होंने बड़े स्पष्ट शब्दों से कहा कि गुमनामी बाबा ही सुभाष चन्द्र बोस थे। अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने नेताजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेताजी का देश की आजादी में जो योगदान रहा उसे भुलाया नहीं जा सकता। नेताजी सम्मान मार्च में मणिराम दास जी की छावनी के कमल नयन दास शास्त्री, राम वल्लभा कुंज के अधिकारी महन्थ राजकुमार दास, तिवारी मन्दिर के गिरीशपति तिवारी के साथ साथ सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय विचार केन्द्र के अध्यक्ष/संयोजक शक्ति सिंह, डॉ0 शैलेन्द्र विक्रम सिंह, सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक रामचन्दर यादव, पूर्व विधायक जय शंकर पाण्डेय, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल, कमलेश श्रीवास्तव, अतुल सिंह, धर्मेन्द्र सिंह टिल्लू, कृष्ण कुमार पाण्डेय खुन्नू, प्रतिपाल सिंह पाली, हरीश श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, अधिवक्ता दिनेश तिवारी, अभिषेक मिश्रा, डा0 राकेश वशिष्ठ, समाजसेवी सुप्रीत कपूर, दुर्गापूजा के सहसंयोजक गगन जायसवाल, ज्ञान केसरवानी, डा. के.बी. लाल श्रीवास्तव, अमित सिंह, पार्षद दिलीप सिंह, केशव बिगुलर आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम समाप्त होने पर नेताजी की प्रपौत्री ने गुप्तारघाट स्थित गुमनानी बाबा की समाधि पर पूजन अर्चन भी किया।

इसे भी पढ़े  राम नगरी में छठी मइया के महापर्व को भव्य बनाने की तैयारी

नेताजी अर्न्तध्यान का रहस्य बरकरार : आजाद

अयोध्या। अखिल भारतीय फारवर्ड ब्लाक ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती समारोहपूर्वक मनाया। नगर निगम परिसर में स्थित सुभाष प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के बाद एक प्रतिनिधि मण्डल मण्डल संयोजक शिवकुमार सिन्हा आजाद के नेतृत्व में जिला मजिस्ट्रेट से मिला और उन्हें राष्ट्रपति को सम्बोधित दो सूत्रीय मांगपत्र सौंपा।
फारवर्ड ब्लाक के मण्डल कार्यालय पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए आजाद ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अर्न्तध्यान प्रकरण का रहस्य बरकरार है। मुखर्जी आयोग जब अपनी रिर्पोट में सच्चाई उजागर करने जा रही थी उसी समय सरकार द्वारा रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया जो देश के आवाम के साथ विश्वासघात है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने 14 मई 1999 को नोटीफिकेशन के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज मनोज कुमार मुखर्जी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच दल बनाया और उन्हें नेताजी के अर्न्तध्यान प्रकरण के खुलासा की जिम्मेदारी सौंप दी। मुखर्जी आयोग ने 133 गवाहों और 730 फाइल, 105 पुस्तक, 14 दैनिक पत्रिकाएं, विभिन्न सूत्रों से प्राप्त किया। भारत सरकार ने नेताजी से सम्बन्धित तीन फाइलें संविधान की धारा 74 (2) धारा 123 व 124 साक्ष्य अधिनियम के तहत विशेषाधिकार का दावा करते हुए आयोग को देने से मना कर दिया था। आयोग ने 18 अगस्त 1945 की कथित विमान दुर्घना और उसमे नेताजी की मौत की मनगढ़ंत कहानी ठहराते हुए स्पष्ट कर दिया कि दुर्घटना में उनकी मौत नहीं हुई थी।
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग किया गया कि सुभाष जयंती 23 जनवरी को देश प्रेम दिवस घोषित किया जाय और सभी शिक्षण संस्थाओं में जयंती को मनाने का आदेश जारी किया जाय। मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए जनता के समक्ष सच्चाई को प्रस्तुत किया जाय। ज्ञापन देने वालों में रामतीर्थ विकल, बलराम पाठक, विनय सिन्हा, महेश शंकर, अभिषेक सिन्हा आदि शामिल थे।

Leave your vote

About Next Khabar Team

Check Also

किसानों ने रिलायंस कंपनी पर जबरन भूमि हड़पने का लगाया आरोप

-तहसीलदार ने कहा टीम गठित कर दी गयी है, किसी भी किसान के साथ जबरदस्ती …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.