जलसे में अमन-ओ- सलामती के लिए मांगी दुआएं
अयोध्या। मुसलमान शादी विवाह के अवसर पर फिजूलखर्ची और गैर जरूरी रस्मो रिवाज से बचें। तथा अपने मेहमानों को खाना सुन्नते रसूल के मुताबिक खिलाएं । तथा दीन दुखियों की सेवा करें।और मोबाइल फोन के गलत इस्तेमाल की बुराइयों से अपने बच्चों को बचाएं ।इसलिए कि आजकल मोबाइल फोन बहुत सी बुराइयों की जड़ बन गया है। उपरोक्त बातें मदरसा हनफिया तालीमुल कुरआन शाही मस्जिद पठान टोलिया, अमानीगंज के सालाना जलसे में चैक घंटाघर पर जनता से संबोधित करते हुए मौलाना हाशिम कानपुरी ने कही ।उन्होंने कहा कि हमारा नौजवान मोहम्मद साहब की सुन्नतों को छोड़कर दूसरों के तरीके पर चल रहा है। और जो बुराइयां आज समाज में फैली हैं उनको फैशन का नाम देकर उनको अख्तियार कर रहा है ,जबकि यह गुमराही है। मौलाना मुख्तारूल हसन फाजिले बगदाद ने कहा कि मुसलमानों को एक-दूसरे की मुंह देखी बात नहीं करनी चाहिए। बल्कि सच्ची बात कहनी चाहिए। झूठ और गीबत को इस्लाम में पसंद नहीं किया गया है। उन्होंने तालीम की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि तालीमी मैदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। क्योंकि इस्लाम में तालीम हासिल करने पर विशेष बल दिया गया है।इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम भी जरूर दिलवाए। जिन बच्चों में दीनी तालीम की समझ पैदा हो जाएगी तो वह अपने माता पिता की स्वयं सेवा करने लगेंगे घ् ।जलसे का शुभारंभ मौलाना हिलाल की तिलावत ए कुरान पाक से हुआ ।कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना बखशुल्लाह प्रधानाचार्य अलजामियतुल इस्लामिया रौनाही तथा मौलाना कमरुद्दीन के संचालन में आयोजित हुआ। इसके अलावा मलिक जौहर और सैफ रजा कानपुरी समेत आदि शायरों ने नजराने अकीदत पेश किया। मदरसा के प्रबंधक मौलाना जमीर ने आए हुए लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर तीन बच्चों को हाफिज बनने पर उपाधि वितरण तथा दस्तार बांधी गईघ् ।जलसे में देश की अमन ओ सलामती के लिए दुआएं की गई ।तथा सलातो सलाम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।